संतोष ठाकुर/तखतपुर l भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस बार कोरोना संक्रमण के कारण नहीं हो पाया भक्तों ने मंदिर में ही जाकर भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर अपने खुशहाल जीवन की कामना कीl वही भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना कर नगरपालिका उपाध्यक्ष श्रीमती वंदना बाला सिंह ने नगरवासियों की सुख-समृद्धि की कामना। पंडित जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रभु जगन्नाथ को बड़े भाई बलराम जी तथा बहन सुभद्रा के साथ रत्नसिंहासन से उतार कर मंदिर के पास बने स्नान मंडप में ले जाया जाता है।108 कलशों से उनका शाही स्नान होता है। फिर मान्यता यह है कि इस स्नान से प्रभु बीमार हो जाते हैं उन्हें ज्वर आ जाता है।तब 15 दिन तक प्रभु जी को एक विशेष कक्ष में रखा जाता है। इस 15 दिनों की अवधि में महाप्रभु को मंदिर के प्रमुख सेवकों और वैद्यों के अलावा कोई और नहीं देख सकता। इस दौरान मंदिर में महाप्रभु के प्रतिनिधि अलारनाथ जी की प्रतिमा स्थपित की जाती हैं तथा उनकी पूजा अर्चना की जाती है।15 दिन बाद भगवान स्वस्थ होकर कक्ष से बाहर निकलते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं। इसके बाद द्वितीया के दिन महाप्रभु श्री कृष्ण और बडे भाई बलराम जी तथा बहन सुभद्रा जी के साथ बाहर राजमार्ग पर आते हैं और रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। नगर में प्रति वर्ष धूमधाम के साथ भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाती है जो प्रमुख मार्गों से होते हुए भक्तों को दर्शन देते हुए भगवान निकलते हैं और जगह-जगह भगवान श्री जगन्नाथ की पूजा अर्चना की जाती है परंतु इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सभी आयोजनों पर विराम लगा है। भक्तों ने राम जानकी मंदिर में ही जाकर भगवान श्री जगन्नाथ की पूजा अर्चना किया।
भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना कर वंदना बाला सिंह ने नगरवासियों की सुख-समृद्धि की कामना

