रवि सेन/बागबाहरा : आम आदमी पार्टी राज्य कमेटी सदस्य खल्लारी विधानसभा प्रभारी संतोष चंद्राकर ने जानकारी दिया कि आज दिनांक 29/05/2021को देश एवं प्रदेश में बढ़ रहे महंगाई के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन दिया बतादे की जब से राज्य में भूपेश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार देश का बागडोर सम्हाली है तब से डीज़ल-पेट्रोल, रसोई गैस से लेकर दैनिक जीवन की किराना सामानों की कीमतें नित नए आयाम स्थापित करती चली जा रही हैं महँगाई मानो थमने का नाम ही नहीं ले रही है यहाँ तक की हर छोटे मझोले परिवार को प्रभावित करने वाली जरूरी चीज सहित दवाइयों की कीमत भी मोदी सरकार के 2014 से केन्द्र में स्थापित होने के बाद से आसमान छूने लगी है रोजमर्रा की सामान्य दवाइयों में भी सौ से दो सौ प्रतिशत की वृद्धि हो गई है वही किराना आदि खाद्य सामग्रियों की कीमत तो 2014 के बाद से जैसे रुकने का नाम ही नहीं ले रही है । आमजन को ठीक से भोजन के लिए सोचना पड़ रहा है देश की 80 फीसदी आबादी की क़मर महँगाई से टूट चुकी है.लोग हलाकान-परेशान हैं कि अपने और परिवार का भरण पोषण करें तो करें कैसे.?
जब से राज्य में भूपेश सरकार और केन्द्र में मोदी सरकार आई है 2014 के बाद का ही आकलन करें तो डीज़ल-पेट्रोल की कीमत में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है 2014 में पेट्रोल 58 रु लीटर थी जो अभी 93से 100 की हो चुकी है. डीज़ल2014 में48 की थी..2021में 88रू की हो गई है.. रसोई गैस 14 में 510 रू प्रति सिलेंडर थी जो अभी20 21 में ठीक दोगुनी 819 रु की हो गई है l
किराना संबंधित खाद्य सामग्रियों के क़ीमतों में आग लग चुकी हैं.. सरसों तेल जो 2014 में 80 से 90रु लीटर थी अभी2021 मे 180 रु..,अरहर दाल 14 में 65–74 रु किलो थी जो अभी2021 में 130 से 150 रु की हो गई है.. चना दाल 14 में 46 रु थी जो अब 100 की हो गई है.. उड़द और मूंगदाल तो सामान्य और निम्न मध्यम वर्ग की पहुँच से दूर हो चुकी है.. ऊपर से कोरोना महामारी की मार..जिसमें लॉकडाउन के कारण मेहनत कर रोज कमाने खाने वालों के खाने का स्वाद बिगड़ चुकी है लोग महंगाई के कारण अपनी दैनिक जीवन की वस्तुओं को नहीं खरीद पा रहे हैं.
राज्य की कांग्रेस सरकार और भाजपा की केन्द्र सरकार महँगाई तो रोकने में पूरी तरह विफल है ही..उसकी पूँजीवादी सोंच के कारण महँगाई को स्थिर तक नहीं कर पा रही है..केन्द्र सरकार और भाजपा–कॉंग्रेस की राज्य सरकारें बेतहाशा टैक्सों में वृद्धि कर महँगाई में और आग लगा दिये हैं।इसीप्रकार ज़रूरी दवाइयों की क़ीमत में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है आम इंसान के घर का बजट बदहाल हो चुका है और बड़ी बड़ी बात करने वाली केन्द्र और राज्य सरकारें इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई बात नहीं करना चाहती बेबस जनता हलाकान–परेशान है..मोदी सरकार के 2014 से 2021 के मध्य कार्यकल का अवलोकन कर लें तो लगभग हरेक वस्तुओं की कीमतों में 100 से 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसकारण औसतन महँगाई केवल मोदी सरकार के 5 से 7 साल के बीच ही आसमान छू रही है जो अन्य पिछली सरकारों में इतना नहीं बढ़ा था ।