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Big News : कोरोना ड्यूटी नही करेंगी आंगनबाड़ीकर्मी..? कहा – पहले मांगें पूरी कीजिये, पढ़िए पूरी ख़बर

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति यदि सरकारों का रवैया ऐसा ही रहा, तो बहुत जल्द आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कोरोना ड्यूटी छोड़ सकती हैं। छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की प्रदेश अध्यक्ष पद्मावती साहू ने मांग की है कि या तो सरकार उनकी मांगों को पूरी करें या उन्हें कोविड-19 की ड्यूटी से मुक्त करें। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं पिछले कई सालों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा रही हैं। उनकी मांगे हैं कि उन्हें शासकीय दर्जा दी जाए, पारिश्रमिक बढ़ा दी जाए। उन्हें मिलने वाला मानदेय काफी कम है, इसलिए उन्हें कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक दिया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह मांग भी सरकार के सामने रखी है कि अन्य विभागो के कर्मचारियों की तरह उन्हें भी 50 लाख रुपए की बीमा योजना का लाभ दिया जाए। आपको बता दें कि अपनी इन मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस, ज्ञापन, प्रेस-विज्ञप्ति, धरना, रैली, हड़ताल आदि तमाम माध्यमों से सरकार तक अपनी बात पहुंचाई है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसके बावजूद भी उनकी बातों की सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। इसका परिणाम सरकार को भुगतना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रांताध्यक्ष पद्मावती साहू ने प्रेस को जारी एक लिखित बयान में कहा है कि आंगनबाड़ीकर्मी सरकार के सभी निर्देशों का पालन करती हैं। कड़ी धूप में वह घर-घर जाकर कोरोना के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की मांगों पर ध्यान नहीं देना अनुचित है। श्रीमती साहू ने सरकार से मांग की है कि या तो मांगे बहुत जल्द पूरी कर दी जाए या फिर कोरोना ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाए। आपको बता दें कि हाल ही में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स के बराबर का दर्जा देने का ऐलान किया है। लेकिन इस ऐलान के बाद आंगनबाड़ीकर्मियों में संतोष नहीं है, बल्कि बढ़ा हुआ असंतोष दिख रहा है। उनका कहना है कि अन्य विभागों के फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स को 50 लाख रुपए बीमा योजना समेत दूसरी सुविधाएं दी जा रही हैं, वह तमाम सुविधाएं आखिर आंगनबाड़ीकर्मियों को भी क्यों नहीं दी जा रही है। काम तो सब बराबर कर रहे हैं। केवल दर्जा देने का ऐलान करके आंगनबाड़ीकर्मियों को बहलाने-फुसलाने का काम ना किया जाए, इससे अच्छा है कि सभी आंगनबाड़ीकर्मियों को कोविड-19 ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाए।

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