- ग्राम पंचायत जरगांव में जांच के बाद भौतिक सत्यापन में पहुचे अधिकारियों ने किया खुलासा 467850 हजार रुपयों का घोटाला आया सामने
यामिनी चंद्राकर/ छुरा : गरियाबंद जिला के छुरा ब्लाक के ग्राम पंचायत जरगांव के सरपंच के खिलाफ ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत के मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है। ग्राम पंचायत जरगांव के ग्रामीणों द्वारा सरपंच के खिलाफ भरस्टाचार की शिकायत विगत दिनों लिखित रूप से जिला के कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर से मिलकर की गई थी। सरपंच ग्राम पंचायत जरगांव की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए कलेक्टर गरियाबंद द्वारा जांच के आदेश दिये गये थे जिसमे छुरा के मुख्यकार्यपालन अधिकारी रुचि शर्मा द्वारा जरगांव ग्राम पंचायत के जांच के लिए जनपद स्तर पर एक टीम गठित कर जांच के लिए भेजा गया था जांच अधिकारियों ने ग्राम पंचायत जरगांव पहुचकर शिकायतकर्ताओ का बयांन लिया जिसमे ग्रामवासियो द्वारा जांच अधिकारियों को ग्रामवासियो द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव द्वारा पंचायत में फर्जी तरीके से निर्माण कार्य बताकर पंचायत से निकाले गए लाखो रुपये की शासकीय राशि पर आपत्ति दर्ज कराते हुए सरपंच द्वारा जिन कार्यो के बदले मोटी रकम निकाले गए थे उन सभी कार्यो कि भौतिक सत्यापन कि मांग की गई। जिसपर जनपद पंचायत छुरा के मुख्यकार्यपालन अधिकारी रुचि शर्मा द्वारा ग्राम पंचायत जरगांव के निवासियों के मांग पर भौतिक सत्यापन कराने टीम ग्राम पंचायत जरगांव भेजा गया ग्राम जरगांव पहुचकर जांच टीम ने ग्रामीणों द्वारा की गई आपत्ति की कार्यो की भौतिक सत्यापन की गई जिसमे सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत जरगांव के आश्रित ग्राम रवेली में साफ सफाई कार्य के लिए 1,42000 हजार रुपये निकाले गए है लेकिन मौके पर कार्य नही हुआ है। ग्राम रवेली में ही सरपंच द्वारा कच्ची पुल मरम्मत के नाम से 100200 हजार रुपये निकाला गया है परंतु मौके पर कार्य नही हुआ है।ग्राम रवेली में ही सरपंच द्वारा सी सी रोड निर्माण के नाम पर 1,60,000 हजार रुपये निकाल लिया गया है लेकिन मौके पर कार्य नहीं हुआ है।वही ग्राम पंचायत जरगांव के पंचायत भवन में शौचालय मरम्मत बताकर 65000 हजार रुपये आहरण किया गया है पर यह कार्य नही कराया गया है इस तरह जरगांव के सरपंच द्वारा कुल 467850 हजार रुपये का गबन जांच में सही पाया गया। वही जरगांव के ग्रामीणों का कहना है कि मात्र एक साल के कार्यकाल का जांच में इतनी बड़ी धांधली सामने आई है तो आप यह अंदाजा लगा सकते है कि इसके पहले सरपंच के कार्यकाल की जांच की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई थी जिसमे जांच में आये जनपद के अधिकारियों को पूर्व सरपंच बाबूलाल ध्रुव द्वारा बताया गया कि पिछले कार्यकाल का कोई भी दस्तावेज व बिल भाउचर पंचायत में उपलब्ध नही है जिसको लेकर ग्रामीणों में पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर आक्रोश बना हुआ है ग्रामीणों द्वारा पूर्व में गरियाबंद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को आवेदन कर पिछले सरपंच के कार्यकाल की जांच की मांग की गई थी किंतु पंचायत में पिछले कार्यकाल की कोई भी दस्तावेज नही रहने के कारण जांच नही हो पा रही है जिसके चलते ग्रामीणों का आरोप है कि भ्रष्टाचार उजागर होने के डर से जिम्मेदारों द्वारा जानबूझ कर दस्तावेज को गायब किया गया है जिसकी शिकायत भी ग्रामीणों द्वारा छत्तीसगढ़ के पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव, छत्तीसगढ़ के गृह व गरियाबंद जिले के प्रभारी ताम्रध्वज साहू, गरियाबंद के जिलाधीश नीलेश क्षीरसागर, जनपद पंचायत छुरा के मुख्यकार्यपालन अधिकारी रुचि शर्मा को सौपकर पंचायत के दस्तावेज गायब होने के मामले में पुलिस कार्यवाही करने की मांग की गई है।
क्या कहते है अधिकारी
जांच अधिकारी शर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा की गई जरगांव सरपंच के शिकायत मामले में जांच के बाद भौतिक सत्यापन में ग्रामीणों द्वारा लगाया गया आरोप सही पाया गया जिन कार्यो के लिए सरपंच द्वारा कार्य बताकर पैसा निकाला गया है वास्तविक में वह कार्य हुआ ही नही है लेकिन सरपंच द्वारा कार्य बताकर फर्जी तरीके से पैसा आहरण किया गया है l