टीकम निषाद/ देवभोग। अक्सर पैसा और सत्ता पक्ष में पहुंच रखने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने के बात सुनने को मिलता है। मगर आज हकीकत में यह देखने को भी मिल रहा है। क्योंकि बिना अनुमति के डामर प्लांट नियम कानून को दत्ता दिखाकर संचालित करने का मामला जगजाहिर हो चुका है। बकायदा एसडीएम तहसीलदार ने प्रदूषण और जन हितेषी को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया रहा। लेकिन अब तक किसी प्रकार कार्यवाही नहीं हो पाया है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि संबंधित विभाग के अधिकारी भी कार्यवाही के लिए गंभीर नहीं है। बल्कि अवैध तरीके से संचालित डामर प्लांट को रोकने का टीकरा एक दूसरे पर डाल रहे हैं। जिससे डामर प्लांट संचालक के हौसले बुलंद हैं । जिसका फायदा उठाकर और ज्यादा मात्रा में डामर बनाकर बेचा जा रहा है।उल्लेखनीय है कि बिना अनुमति और पर्यावरण नियम का पालन किए बिना अवैध तरीके से बाेईरगुडा मार्ग पर डामर प्लांट संचालित किया जा रहा है। बताया जाता है कि यह डामर प्लांट काफी हाई प्रोफाइल व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा है। जिसकी पकड़ अधिकारियों के अलावा नेताओं के बीच भी अच्छी खासी बताई जाती है। तभी सरकार को लाखों का चूना लगाकर वर्षों से डामर प्लांट संचालित है। ऐसा नहीं कि संबंधित विभाग के अधिकारी इससे अनजान है। बल्कि पूरी जानकारी होने के बाद भी डामर प्लांट संचालक के समक्ष नतमस्तक दिखाई पड़ रहे हैं। जबकि मामला लगातार अखबार की सुर्खियां बना हुआ है। इसके अलावा चिंतित किसान और आजू बाजू के ग्रामीण प्लाट को हटाकर अन्य जगह स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। ताकि पेड़ पौधा के साथ पशु-पक्षी भी सुरक्षित रह पाए ।लेकिन डामर प्लांट संचालक सबका नफा नुकसान को अनदेखा कर डामर बना रहे हैं। और लाखों रुपए कमा रहे हैं एवं इस कमाई के लिए अधिकारियों ने भी खुला संरक्षण दे रखा है। तभी महीना दर महीना गुजरने के बाद भी किसी प्रकार कार्यवाही नहीं हो पाई है। जबकि जन हितेषी को ध्यान में रखते हुए अभी डामर प्लांट को हटाने की मांग हो रही है।
भूपेंद्र माझी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष : अगर बिना अनुमति के डामर प्लांट संचालित किया जा रहा है तो अधिकारियों को अवगत करा कर निष्पक्ष कार्यवाही की मांग किया जाएगा