एनटीपीसी सोलापुर में हिंदी पखवाड़ा का सफल आयोजन
बिलासपुर
सोलापुर,
एनटीपीसी सोलापुर में 14 से 29 सितंबर 2025 तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन बड़े उत्साह और उल्लास के साथ किया गया। पखवाड़े की शुरुआत राजभाषा हिंदी के शपथ ग्रहण समारोह से हुई. जिसमें परियोजना प्रमुख बीजेसी शास्त्री ने सभी विभागाध्यक्षों और कर्मचारियों से अधिकाधिक आधिकारिक कार्य हिंदी में करने का आग्रह किया।
हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत 15 सितंबर 2025 को भव्य हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात हास्य कवि एहसान कुरैशी, दिनेश बावरा, रोहित शर्मा एवं आनंद पल्लवी ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को देर तक ठहाकों और व्यंग्य के रंग में सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीजेसी शास्त्री, कार्यकारी निदेशक (एनटीपीसी सोलापुर), एम. के. बेबी, मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण), सुभाष एस. गोखले, महाप्रबंधक (अनुरक्षण एवं राख तालाब प्रबंधक), प्रवीण कुमार सिंह, असिस्टेंट कमांडेंट (सीआईएसएफ), एस. के. सोनी, संस्थापक एवं पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (ग्रिड इंडिया), तथा श्रीमती पद्मा शास्त्री, अध्यक्षा सृजना महिला मंडल की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।
हिंदी पखवाड़े के दौरान बच्चों के लिए भी विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। बाल भवन के बच्चों हेतु भाषण और ड्राइंग प्रतियोगिता संपन्न हुई। निर्णायक मंडल में श्रीमती पद्मा शास्त्री, अध्यक्षा सृजना महिला मंडल, श्रीमती सिबी बेबी, उपाध्यक्षा तथा श्रीमती स्वाति गोखले, वरिष्ठ सदस्या रहीं। निर्णायकों ने बच्चों के आत्मविश्वास और हिंदी भाषा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
इसी क्रम में आहेरवाडी, फताटेवाड़ी और होटगी स्कूल के बच्चों ने भी विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक भाग लिया। बच्चों ने अपने लेखन और वक्तृत्व कौशल से हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला और हिंदी के प्रति अपने लगाव को अभिव्यक्त किया।
पखवाड़े के अंतर्गत एक एकदिवसीय हिंदी कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में एम. के. बेबी, मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) उपस्थित रहे। कार्यशाला के प्रशिक्षक विनय प्रसाद साव, सदस्य सचिव (नराकास) ने राजभाषा हिंदी के व्यावहारिक प्रयोग पर बल देते हुए कर्मचारियों को कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करने हेतु प्रेरित किया।
पूरे पखवाड़े के दौरान आयोजित कार्यक्रमों ने न केवल हिंदी भाषा के महत्व को उजागर किया, बल्कि कर्मचारियों, बच्चों और समाज के बीच हिंदी के प्रति आत्मीयता और उत्साह का वातावरण भी निर्मित किया।