- गांव में वर्षो से चलने लायक भी सड़क नहीं होने की समस्या से जूझ रहे आदिवासी परिवार
पुलस्त शर्मा/ मैनपुर : विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से लगभग 44 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत गौरगांव के आश्रित वन ग्राम झोलाराव के ग्रामीण लाटापारा से झोलाराव तक आवाजाही करने के लिए कच्ची सड़क निर्माण का मांग करते करते थक हार चुके लेकिन उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना भी मुनासिब नहीं समझा जिसके कारण वर्षों से झोलाराव के ग्रामीणों को आवाजाही करने के लिए भयंकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बरसात के दिनों में और भी समस्याएं ज्यादा बढ़ जाती है ग्रामीणों ने बताया कि सड़क न होने से गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है ऐसे में गर्भवती महिलाओं को सड़क तक किसी तरह लाना पड़ता है। इसके अलावा गंभीर बीमार मरीजों को समय पर इलाज भी नहीं मिल पाता है।
बारिश के दिनों में अधिक परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है। राशन सहित अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदने के लिए आने जाने में भी दिक्कत होती है। सड़क के अभाव में तालाब के मेड़ पार से होकर बड़ी मुश्किलों से जान जोखिम में डालकर आवाजाही करना ग्रामीणों की मजबूरी बन गई है। महिलाओं ने बताया कि सरकार कह रही है,कि घर में प्रसव न कराकर प्रसूता महिला को अस्पताल ले जाएं,लेकिन गांव तक सड़क नही होने से 108 व जननी वाहन नहीं पहुंचने से अस्पताल तक समय पर पहुंचना संभव नहीं हो पाता। इस समस्या के समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों सहित वन विभाग के जिम्मेदारों को बार बार अवगत कराया गया है। इसके बाद भी समस्या हल करने के लिए किसी भी स्तर पर कोई पहल आज तक नही किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीण मुखिया लव कुश मरकाम, प्रेमलाल नेताम, लखू कुंजाम, दलसाय नेताम, रति कुंजाम, राम नेताम, रूप सिंह मंडावी, महेश लाल नेताम, नारद कुमार कुंजाम, गीता बाई,सीता नेताम, सुख बती मरकाम, सावित्री कुंजाम सहित झोला राव के मूल निवासी मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल सड़क निर्माण पूर्ण कराने की मांग कलेक्टर से की है।