पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने कोटा पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, बोलीं – बिना सूचना के मुझे फरार बताया गया
कोटा कोर्ट में पेश होकर ली जमानत, नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रदीप कौशिक बने जमानतदार
बिलासपुर। राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेत्री हर्षिता पांडेय ने कोटा पुलिस पर गंभीर लापरवाही और मनमानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 के एक पुराने चक्काजाम मामले में पुलिस ने उन्हें बिना किसी सूचना के “फरार” घोषित कर दिया और न्यायालय में चालान भी पेश कर दिया।
गुरुवार को हर्षिता पांडेय ने कोटा न्यायालय में स्वयं उपस्थित होकर जमानत ली। इस दौरान उनके साथ अधिवक्ता नरेंद्र गोस्वामी और नगर पंचायत कोटा के उपाध्यक्ष प्रदीप कौशिक मौजूद रहे, जिन्होंने जमानत की प्रक्रिया पूरी कराई।
दो साल पहले हुआ था चक्काजाम, हर्षिता बोलीं – FIR की जानकारी तक नहीं दी गई
मिली जानकारी के अनुसार, 13 फरवरी 2023 को नक्सल क्षेत्रों में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में सकरी-कोटा मार्ग पर गनियारी के पास पार्टी कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम किया था। इस मामले में कोटा पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इनमें से 11 लोगों को गिरफ्तारी के बाद जमानत मिल गई, लेकिन हर्षिता पांडेय को न तो एफआईआर की जानकारी दी गई, न ही वारंट तामील किया गया। इसके बावजूद उन्हें फरार बताते हुए न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया।
“मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंच पर थी, फिर भी मुझे फरार बताया”
हर्षिता पांडेय ने कहा, “यह बेहद आश्चर्यजनक है कि पुलिस मुझे फरार बता रही थी, जबकि मैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और केंद्रीय मंत्री तोखन साहू सहित कई प्रशासनिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों में मंच पर उपस्थित रही हूं। वहां पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहते थे। बावजूद इसके मुझे जानबूझकर इस केस से अनभिज्ञ रखा गया।”
“पिछली सरकार ने की थी राजनीतिक दुर्भावना से कार्रवाई”
पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजनीतिक दुर्भावना के तहत भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज कराए गए। “जनहित के लिए आवाज उठाने वाले लोगों को चुन-चुनकर टारगेट किया गया। मुझे इस मामले की जानकारी मिलने के बाद मैं विधिक प्रक्रिया के तहत कोर्ट पहुंची और जमानत ली,” उन्होंने कहा।
वकील का बयान – बिना सूचना दिए किया फरार घोषित
हर्षिता पांडेय के वकील नरेंद्र गोस्वामी ने बताया कि उनकी मुवक्किल के खिलाफ धारा 147 और 341 के तहत मामला दर्ज किया गया था। “उन्हें कभी एफआईआर की जानकारी नहीं दी गई, न ही नोटिस या वारंट भेजा गया। इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें फरार बताकर चालान पेश कर दिया। अब कोर्ट में पेश होकर उन्हें जमानत मिल गई है।”
कोटा टीआई का वर्जन – “मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है”
इस पूरे मामले पर कोटा थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग ने कहा, “यह मामला मेरे समय का नहीं है। चालान में क्या लिखा गया है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।”