
‘स्मार्ट सिटी’ की असल तस्वीर उजागर
बिलासपुर। गुरुवार को हुई तेज बारिश ने एक बार फिर बिलासपुर नगर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। शहर के अधिकांश हिस्से जलमग्न हो गए। सड़कों से लेकर सरकारी दफ्तरों और अफसरों के आवासों तक पानी भर गया, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
बारिश से सबसे ज्यादा असर एसडीएम ऑफिस और कलेक्टर बंगले पर दिखा। नेहरू चौक स्थित एसडीएम कार्यालय में पानी भरने से कामकाज ठप हो गया। वहीं कलेक्टर बंगले के बाहर पानी इस कदर भर गया कि नजारा किसी तालाब जैसा दिखाई दिया।
श्रीकांत वर्मा मार्ग और हंसा विहार जैसे पॉश इलाके भी इस बार जलजमाव की चपेट में आ गए। यहां सड़क के दोनों ओर पानी भर गया। नगर निगम द्वारा नाले में किए गए बदलाव नाकाफी साबित हुए और स्थिति और भी बदतर हो गई।
राजेन्द्र नगर, अग्रसेन चौक, शनिचरी बाजार, सरकंडा, मंगला, तारबाहर, विवेकानंद गार्डन जैसे कई क्षेत्रों में जलभराव से लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ।
अन्नपूर्णा कॉलोनी, वार्ड 46, गणेश नगर में तो हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां बारिश का पानी घरों के अंदर घुस गया है। रहवासी बीमारियों के खतरे से डरे हुए हैं और प्रशासन से लगातार समाधान की गुहार लगा रहे हैं। वहीं वन विभाग से सटे इलाके में अधूरे नाले के निर्माण ने स्थिति और भी भयावह बना दी है।
निराला नगर, विद्यानगर, विनोबा नगर, सिरगिट्टी और पुलिस लाइन जैसे क्षेत्रों में भी पानी भर गया। पुलिस लाइन के सामने तालाब जैसा दृश्य बन गया जहां कुछ लोगों ने डबरा में मस्ती तक की।
लखीराम आडिटोरियम के सामने सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों की योजनाएं बनीं लेकिन नाली-ड्रेनेज सिस्टम आज भी ध्वस्त है। सोशल मीडिया पर लोगों ने फोटो और वीडियो पोस्ट कर नगर निगम पर नाराजगी जताई।
“नालियों की लगातार सफाई हो रही है। कुछ जगहों पर जलभराव की शिकायत मिली है, जिसे दूर करने के लिए मशीनें लगाई गई हैं और रोडमैप तैयार किया जा रहा है।”
पूजा विधानी, महापौर, नगर निगम बिलासपुर
“जलभराव की शिकायतें मिली हैं। नालियों की सफाई का कार्य किया जा रहा है।”
खजांची कुम्हार, उपायुक्त, नगर निगम