
पुराने केस से बरी होने के बाद भी युवक पर मानसिक दबाव का आरोप
बिलासपुर। महिला आरक्षक पर उसके देवर द्बारा प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगा है। जिसकी शिकायत पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक को 3 मई को आवेदन देकर किया है। आवेदन में झूठे केस में फसाने से बचने और भाभी अनीता पाटले के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने का निवेदन किया है। दरअसल महिला आरक्षक अनीता पाटले जो की आईयुसीए डब्ल्यु बिलासपुर में पुलिस आरक्षक के पद पर पदस्थ है। कोरोना के समय शैलेश खरे (देवर ) के पिता अमृत लाल खरे एवं बड़े भाई के मृत्यु के उपरांत महिला आरक्षक ने 21 जून 2021 को देवर शैलेश के पर गंभीर आरोप लगाय थे। शिकायत में जबरदस्ती हाथ पकड़ना, मार पीट, जान से मरने की धमकी,अश्लीलता जैसे आरोप जो कि गैर-ज़मानती धारा जिसमें सजा 7 साल से ऊपर की सजा का प्रावधान है। जिसके चलते धारा 294 ,506,323,345 क,354, की आरोप दर्ज कराई।जिस के अंतर्गत न्यायालय में 4 वर्षों तक केस चला, जिस बीच पीड़ित को 7 दिन जेल भी जानाउ पड़ा था। पीड़ित की माने तो झूठा आरोप लगाने का कारण महिला आरक्षक के ससुर स्व. अमृत लाल खरे एस ई सी एल कर्मचारी थे,जिनकी मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति परिजन छोटे पुत्र शैलेश खरे को देना चाहते थे। परंतु महिला आरक्षक अपने पति केशव खरे को अनुकंपा नियुक्ति दिलाना चाहती थी,लेकिन पति भी अपने छोटे भाई को ही नौकरी मिले यहीं चाहता था। देवर को अनुकंपा दिए जाने पर नाराज होकर अपने देवर पर झूठा केस दर्ज कर एसईसीएल हैडक्वाटर जाकर केस को लेकर आपत्ति दर्ज कराई जिसमें वह बरी हो गया है। लेकीन प्रकरण चलने की वजह से देवर की नौकरी नहीं लग पाई । 4 साल बाद देवर जैसे ही न्यायालय से बरी हुआ जैसे ही उसने अपने नौकरी का फार्म भरा। केस से बरी होने के बावजूद 4 दिन बाद फिर से दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। हाई कोर्ट से देवर शैलेश खरे का नाम 482 के तहत उच्च नायालय के द्बारा रद्द किया गया। फिर महिला आरक्षक ने घरेलू हिसा का केस दर्ज किया। इस तरह देवर के बरी होने के बाद महिला आरक्षक द्बारा कुल तीन केस लगाए गए हैं। इसके बाद पीड़ित ने परेशान होकर पुलिस अधीक्षक से शिकायत की उसके बाद भी उसने 3०/5/2०25 को सिविल थाना मे फिर से एपआईआर दर्ज करवाई है।
घटना के दिन मुंगेली में ऑन ड्यूटी में कर्मचारी
देवर और परिजनों ने आरोप लगाया है कि महिला आरक्षक अपने पद का पूर्णत: दुरूपयोग करती है। अनिता पाटले ने केशव खरे, शैलेश खरे माधव मिरी, रामशिला खरे को जिला न्यायालय परिसर में फोटोकॉपी की दुकान के पास गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दी है, फिर आरोप लगाते हुए सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है ताज्जुब की बात यह है की माधव मेरी जो की मुंगेली थाने में जज का ड्राइवर है वह उस दिन वह मंुगेली में ही ड्यूटी में था और बिलासपुर उसका आना नहीं हुआ था। जानकारी के मुताबिक माधव मिरी का नाम उस दिन के रजिस्टर में दर्ज है फिर भी उसके खिलाफ अनीता पाटले ने जान से करने की धमकी जैसे गंभीर अपराधों पर केस दर्ज करवाया है।
पहले आशंका जताई थी
शिकायतकर्ता शैलेश खरे ने आवेदन में यह आशंका जताई थी कि उसकी भाभी अनीता पाटले उसे और उसके परिवार वाले को किसी झूठे मामले में फसाने का षड्यंत्र कर सकती है। ताकि शैलेश खरे की अनुकंपा नौकरी की नियुक्ति बाधा डाली जा सके। और उसने बताया कि हुआ भी वही है। 3० मई को उसकी भाभी ने उसके और परिवारवालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सिविल लाइन खाने में रिपोर्ट की है। पूरी तरह उसके परिवार वालों ने महिला आरक्षक पर अपने का दुरुपयोग करते हुए उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
पति और ससुर के नाम पर वाहन
ससुर के नाम की स्कूटी और पति के नाम पर कार को भी वहीं रखी है और उनको वाहन लेने और इस्तमाल नही करने दिया जा रहा है।
पुख्ता सबूत का दावा
वहीं अनिता पाटले का कहना है कि पूर्व प्रकरण में शैलेश खरे सबूतों के अभाव में बरी हुआ है, उसकी अपील उनके द्बारा उच्चन्यायालय में की गई है। वहीं स्कूटी वाहन उनके ससुर द्बारा उन्हें दिया गया था। जिसे शैलेष खरे चोरी कर ले गया था जिसकी शिकायत थाने में कई गई है।उन्होंने दावा किया है कि 3० मई को की गई शिकायत के उनके पास पुख्ता सबूत है।
महिला आरक्षक ने अपने ही ससुराल वाले पर बार जमीन जायदाद को लेकर आपत्ती लगाई है। 3 मई को दिए गए आवेदन के बाद जब 17 जून तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तब पुन: पीड़ित शैलेश खरे ने एसपी कार्यालय पहुंचकर शिकायत की। इसके बाद तुरंत पुलिस अधीक्षक रजनी सिह ने तत्काल सिविल लाइन थाना प्रभारी को इस मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करने आदेशित किया है।
फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है। सीसीटीव फुटेज और मोबाइल लोकेशन के अलावा कई साक्ष्य इकट्ठा किया जा रहे हैं जिसके बिनाह पर आगे की कार्रवाई की जाएगी – हर प्रसाद विवेचक ,सिविल लाइन