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सफेद हाथी सिद्ध हो रहा है जिले में कमार भुंजिया विकास अभिकरण

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  • गरियाबंद जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति भुंजिया समुदाय के शिक्षित युवक को नहीं मिल रहा है प्रशासन से कोई लाभ
यामिनी चन्द्राकर/ छुरा : सरकार द्वारा लगातार कमार भुंजिया विशेष पिछड़ी जनजाति के उत्थान के लिए कई योजनाएं संचालित कर जिले में मौजूद इन कमार भुंजिया विशेस पिछड़ी जनजाति को शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जिला मुख्यालय में कमार भुंजिया अभिकरण कार्यालय की स्थापना कि गई है ताकि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ आसानी से अभिकरण के माध्यम से मिल सके लेकिन गरियाबंद जिले में अति विशेष पिछड़ी भुंजिया जनजाति के शिक्षित बेरोजगार का सरकारी नोकरी के लिए दर दर भटकना भुंजिया विकास अभिकरण के क्रियाकलापों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है इससे यह बात साफ होता है कि विशेष पिछड़ी जनजाति की विकास की बाते सिर्फ फाइल और कागजो में नजर आती है  धरातल पर यह पूरा सफल दिखाई नहीं देता। कई विशेष पिछड़ी जनजाति के पढ़े लिखे बेरोजगार युवा आज भी रोजगार की तलाश में दर दर भटक रहे हैं। लेकिन उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है आज भी कई युवा शिक्षित होने के बाद भी रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। इसका जीता जागता उदहारण छुरा विकासखंड के ग्राम कंनफाड़ में देखने को मिला कनफाड निवासी दिलीप कुमार भुंजिया जो स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद खेलकूद के टूर्नामेंट में गुवाहाटी और जिला गरियाबंद में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद भी,  नौकरी की सीधी भर्ती का लाभ मिल पाया और नहीं धंधा करने हेतु बैंक से किसी प्रकार का लोन मिल पाया है। और नही इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए बनी भुंजिया प्रोजेक्ट अभिकरण से भी इनको किसी प्रकार की योजनाओं का लाभ न मिल पाना विभाग के क्रिया कलापो पर सवाल खड़ा करता है । उन्होंने कलेक्टर कार्यालय गरियाबंद में भी सहयोग हेतु आवेदन लगाया है जिन पर गरियाबंद कलेक्टर कार्यालय से इन्हें शासन की योजनाओं का लाभ एवं बैंक से ऋण उपलब्ध कराने हेतु पत्र भी जारी किया गया है। लेकिन कलेक्टर कार्यालय से जारी पत्र पर भी भुंजिया जाती के इस होनहार युवक को कोई लाभ नही मिलने से भुंजिया समाज के लोगो द्वारा भुंजिया विकास परियोजना कार्यालय के अधिकारियों के कार्यशैली के प्रति नाराजगी बनते देखी जा रही है। गरियाबन्द जिले में इस तरह के अनेकों मामले देखने को मिल जाएंगे गरियाबन्द जिले के छूरा विकासखण्ड के एक छोटे से गाँव कनफाड़ निवाशी शिक्षित बेरोजगार युवक वर्तमान समय में लकड़ी की बढ़ाई गिरी करके यह अपने एवं अपने घर परिवार का जीविकोपार्जन चला रहा हैं और जानकारी लेने पर युवक  द्वारा यह कहा गया कि हम विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय से संबंध रखते हैं और गरीबी के बावजूद भी हमने स्नातक तक पढ़ाई की और खेलकूद में भी भाग लेकर कई प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर गरियाबंद जिले का नाम रौशन किया लेकिन जिस प्रकार हमें प्रशासन एवं भुंजिया प्रोजेक्ट का लाभ मिलना था उससे हम अभी भी वंचित है हम शासन-प्रशासन से यह मांग करते हैं विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए शासन प्रशासन की ओर से जो भी योजनाएं संचालित हैं उसका लाभ भुंजिया समाज के लोगो को मिले ।जिससे हम अति पिछड़ी जनजाति के लोग अपनी जिंदगी सम्मान पूर्वक जी सकें।
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