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“देश का प्रकृति परीक्षण” अभियान के अंतर्गत आज राज्यपाल महामहिम श्री रमेन डेका का प्रकृति परीक्षण किया गया

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“देश का प्रकृति परीक्षण” अभियान के अंतर्गत आज राज्यपाल महामहिम रमेन डेका का प्रकृति परीक्षण किया गया

रायपुर।भारत सरकार आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित “देश का प्रकृति परीक्षण” अभियान के अंतर्गत आज राज्यपाल महामहिम रमेन डेका का प्रकृति परीक्षण किया गया।

गौरतलब है कि बीते 26 नवंबर संविधान दिवस से शुरू हुए इस अभियान के तहत राज्य के 15 लाख नागरिकों के आयुर्वेदीय सिद्धांत अनुसार प्रकृति (वात-पित्त-कफ) का परीक्षण मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा किया जाएगा।पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व श्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती 25 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सभी शासकीय और निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों के शिक्षक, चिकित्सक, छात्र -छात्राएं , शासकीय एवं संविदा आयुर्वेद अधिकारी, विशेषज्ञ चिकित्सक, राष्ट्रीय आयुष मिशन में पदस्थ आयुर्वेद चिकित्सक और प्राइवेट प्रेक्टिशनर्स बतौर वालेंटियर मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा नागरिकों का प्रकृति परीक्षण करेंगे। राज्यपाल के प्रकृति परीक्षण के दौरान संयुक्त संचालक आयुष डॉ. सुनील दास, प्राचार्य डॉ. जीआर चतुर्वेदी, रजिस्ट्रार एवं राज्य समन्वयक डॉ. संजय शुक्ला, रीडर डॉ. ओमप्रकाश राउत एवं डॉ. विनय भारद्वाज उपस्थित थे।

इस अभियान के द्वारा प्रकृति परीक्षण के पश्चात नागरिकों को उनके मोबाइल एप्लीकेशन पर विभिन्न ॠतुओं में स्वस्थ रहने हेतु आहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या, परहेज के साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होंगी। इसके अलावा नागरिकों को डिजिटल प्रकृति कार्ड भी प्राप्त होगा जिससे उन्हें भविष्य में आयुर्वेद उपचार के लिए प्रकृति परीक्षण कराने की आवश्यकता नहीं होगी।भारत में एक बड़ी जनसंख्या आधुनिक जीवनशैली, अनियमित खान-पान और शारीरिक श्रम में कमी के कारण मधुमेह, हृदयरोग, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसे अनेक गैर संचारी रोगों का शिकार हैं। देश और प्रदेश के युवा फास्ट-फूड और नशाखोरी के लत के कारण इन गैर संक्रामक बीमारियों के चंगुल में आ रहे हैं जो मानव संसाधन के उत्पादकता को प्रभावित कर रहा है। प्रकृति परीक्षण के उपरांत प्राप्त होने वाले आयुर्वेदिक परामर्श, योग तथा व्यायाम से इन रोगों के बचाव और नियंत्रण में सहायता मिलेगा।
राज्य में इस अभियान के लक्ष्य पूर्ति हेतु सभी जिलों में जिला समन्वयक और सह – समन्वयक घोषित किए गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 5718 आयुर्वेद चिकित्सक पंजीकृत हैं जो शासकीय और निजी सेवारत हैं। इसके अलावा सभी महाविद्यालयों में कुल 2,227 शिक्षक, चिकित्सक और छात्र तथा 1300 शासकीय एवं संविदा आयुर्वेद चिकित्सक तथा शेष निजी आयुर्वेद चिकित्सक इस अभियान में वालिंटियर के तौर पर नागरिकों का प्रकृति परीक्षण करेंगे।

 

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