कवर्धा में हुआ बड़ा बवाल, पूरे परिवार को जिंदा जलाने के इरादे से घर को आग हवाले किया गया, एक की हुई मौत।
कवर्धा। छत्तीसगढ़ में आये दिन हो रही गंभीर अपराधी घटनाओं को लेकर नए-नए किस्से सुनने को मिलते हैं। अब खबर कवर्धा से आ रही है वहां पर फिर एक बार बड़ा बवाल मचा हुआ है। कबीरधाम जिले के लोहारीड क्षेत्र में गांव वालों ने एक घर पर पत्थरबाजी करने के बाद उसमें आग लगा दी. इससे घर के मालिक रघुनाथ साहू की मौत हो गई और परिवार वाले घायल हो गए हैं. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 40 लोगों को हिरासत में लिया. जांच में पाया गया कि ग्रामीणों ने गांव के ही एक शख्स कचरू साहू की हत्या के शक में रघुनाथ साहू पर हमला किया था.दरअसल, कचरू साहू कुछ समय पहले पास के ही एक गांव में पेड़ से लटका पाया गया था. पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का था. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में आने वाले बीजाटोला गांव से कचरू साहू का शव बरामद किया गया. उसने अपने परिवार को बताया था कि वह किसी काम से बालाघाट जा रहा है और रात तक वापस आ जाएगा लेकिन अगले दिन उसकी मौत की सूचना मिली.मृतक के परिवार वाले अस्पताल में भर्ती
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में छत्तीसगढ़ की कवर्धा पुलिस ने बालाघाट पुलिस ने सघन जांच करने की बात की है. कचरू साहू की मौत की बात पुलिस ने उसके घर जाकर उसके परिवार को दी. इसके बाद सुबह 11.30 बजे तक सूचना मिली कि कई गांव वालों के द्वारा एक ग्रामीण रघुनाथ साहू पर हमला किया गया और उसका घर जला दिया गया है. मामला संज्ञान में आते ही पुलिस की एक टीम घटनास्थल की ओर दौड़ी.
हमला रोकने के लिए पहुंची पुलिस ने बड़ी कोशिशों के बाद घर से तीन लोगों को बचाया लेकिन रघुनाथ साहू लापता मिला. घर से निकालने के बाद रघुनाथ की पत्नी समेत अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया. कुछ समय बाद एक चोटिल बॉडी मिली जो रघुनाथ साहू की थी.जमीन विवाद के चलते नाराज थे ग्रामीण
मृतक रघुनाथ साहू के परिवार पर हमले का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. हालांकि, कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि वह भूमि अतिक्रमण से संबंधित कुछ मुद्दों को लेकर रघुनाथ से नाराज़ थे. मामले में केस दर्ज कर 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की कार्रवाई चल रही है.
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, करीब 400 पुलिसकर्मियों को गांव में तैनात किया गया है. प्राथमिक जांच में पाया गया है कि गांव वालों को शक था कि रघुनाथ साहू ने ही कचरू की हत्या की है. और जमीन विवाद के चलते पेड़ से उसका शव टांग कर उसे आत्महत्या बता दिया है.