देश दुनिया वॉच

डीजीपी पद के लिए त्रिकोणीय हुआ मुकाबला, रेस में ये भी हुए शामिल…

Share this

रायपुर। छत्तीसगढ़ का अगला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कौन होगा, इसका फैसला इसी महीने हो जाएगा। राज्य के मौजूदा डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल 4 अगस्त को समाप्त हो रहा है, जिसके बाद राज्य सरकार को योग्य अफसरों के नामों की सूची संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजनी होगी।

राज्य में डीजीपी और डीजी के एक-एक कॉडर और दो एक्स कॉडर पद हैं। हाल ही में एडीजी से डीजी रैंक पर पदोन्नति के लिए डीपीसी की बैठक हुई, जिसमें अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता के नाम को हरी झंडी मिली। डीजी बनने की दौड़ में शामिल पवन देव का नाम विभागीय जांच के कारण लिफाफे में बंद था, लेकिन अब उनका नाम भी खोल दिया गया है और उन्हें डीजी प्रमोट कर दिया गया है।

नए डीजीपी के संभावित उम्मीदवार
डीपीसी से मंजूरी मिलने के बाद अरुण देव और हिमांशु गुप्ता को डीजी प्रमोट करने का आदेश भी जारी हो गया है। ऐसे में माना जा रहा था कि इन्हीं दोनों में से कोई एक डीजीपी बनेगा, लेकिन अब पवन देव के भी डीजी प्रमोट हो जाने के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। पवन देव वर्तमान में राज्य के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अफसर हैं।

यूपीएससी को भेजा जाएगा 8 नामों का पैनल
डीजीपी पद के लिए 25 साल की सेवा जरुरी है। इस मापदंड में राज्य कैडर के 8 आईपीएस अफसर शामिल हो रहे हैं:
1992 बैच: पवन देव और अरुण देव गौतम
1994 बैच: हिमांशु गुप्ता और एसआरपी कल्लूरी
1995 बैच: प्रदीप गुप्ता
1996 बैच: विवेकानंद
1997 बैच: दिपांशु काबरा
1998 बैच: अमित कुमार

राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए इन नामों में से यूपीएससी तीन नामों का पैनल फायनल कर भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेजेगी, फिर वहां से लेटर राज्य सरकार को आएगा। राज्य सरकार इनमें से किसी को डीजीपी नियुक्त करेगी।

छत्तीसगढ़ में डीजीपी की दौड़ में 1992 से 1998 बैच के कुल 8 अफसर हैं। यदि 1992 बैच के दोनों अफसरों में से किसी एक को डीजीपी बनाया जाता है तो दूसरे को पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) से बाहर पदस्थ किया जाएगा। इस समय पवन देव पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के एमडी हैं और अरुण देव नगर सेना सहित अन्य जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। यदि हिमांशु गुप्ता को डीजीपी बनाया जाता है तो दोनों वरिष्ठ अफसरों को पीएचक्यू से बाहर रहना पड़ेगा। वहीं, यदि किसी जूनियर को डीजीपी बनाया जाता है तो कुल 4 अफसरों को पीएचक्यू से बाहर पदस्थ करना पड़ेगा।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *