पुलस्त शर्मा/ मैनपुर : अपने एक सुत्रीय मांग शासकीय करण को लेकर बीते 15 दिनों से पंचायत सचिवों एवं रोजगार सहायक का अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते ग्राम पंचायतो में ताला लटका है एवं रोजगार सहित मूलभूत कार्य पूरी तरह बाधित है। पंचायत सचिवो एवं रोजगार सहायको के हड़ताल मे चले जाने के कारण मनरेगा कार्य भी प्रभावित है जिससे मजदूर वर्ग बेहद परेशान हो रहे हैं। इन कार्यो में ग्राम पंचायत के सचिव व रोजगार सहायको का महत्वपूर्ण योगदान होता है वहीं ग्रामीण रोजगार की तलाश मे विकल्प खोजते नदी नालो में भाता कांदा जड़ी संग्रह करने जुटे हुए है। तहसील मुख्यालय मैनपुर के दूरस्थ क्षेत्र गोहरापदर के आसपास गांवो में लोग रोजगार के रूप में नदी किनारे भाता कादा की जड़ी निकालने के लिये मजबुर हो गये है मजदूरी करके जीवन यापन करने वाले परिवार मनरेगा मे रोजगार नही मिलने से निराश होकर नदी नालो मे जड़ी निकाल रहे हैं। ज्ञात हो कि नदी नालो पर रेतीली जमीन में मिलने वाले भाता जड़ी की कीमत 15 से 20 रूपये के आसपास है जड़ी निकालने वाले बता रहे थे दिनभर की मेहनत से 100 से 150 रूपयें के आसपास कीमत मिल जाता है। हर वर्ष मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग कामकाज के अभाव में दूसरे प्रदेश रोजगार के लिए पलायन करते है। ऐसी स्थिति मे भुपेश सरकार को जल्द से जल्द कुछ ठोस पहल करनी होगी नही तो इस क्षेत्र के लोग काम की तलाश मे पलायन करने को विवश हो जायेंगें।
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