बिलासपुर

गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी केंपस में — मंदिर तोड़े जाने के बाद खंडित प्रतिमा स्थापित किए जाने का छात्रों ने जमकर किया विरोध सीयू प्रबंधन में माना गलती:भूल सुधार का दिया भरोसा

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गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी केंपस में —
मंदिर तोड़े जाने के बाद खंडित प्रतिमा स्थापित किए जाने का छात्रों ने जमकर किया विरोध
सीयू प्रबंधन में माना गलती:भूल सुधार का दिया भरोसा

– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया है कि बिलासपुर का गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी जेएनयू की राह पर चल पड़ा है। यहां एक के बाद एक सनातन विरोधी गतिविधियां संचालित की जा रही है। कुछ दिनों पहले मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन द्वारा अपना ग्रुप बनाकर हिंदू छात्र-छात्राओं का ब्रेनवाश करने का मामला सामने आया था। जिस पर कुलपति ने जांच के आदेश दिए थे। इसी दौरान पता चला कि यूनिवर्सिटी में बिहेवियर क्लब की आड़ में हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ विवादित टिप्पणियां की जा रहीं है। इतना ही नहीं सीएसआईटी विभाग के कैंपस में रिनोवेशन के नाम पर रविवार को एक हनुमान जी का मंदिर तोड़ दिया गया, जिसके बाद यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं के साथ हिंदूवादी संगठन के लोग भी विरोध में उठ खड़े हुए हैं। विदित हो कि एक के बाद एक इस तरह की गतिविधियों को सोची समझी साजिश बताया जा रहा है। कभी मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन बनाकर छात्रों को उसमे जोड़ने की कोशिश, फिर बिहेवियर क्लब के नाम पर खुद को नास्तिक बता कर हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां इसी ओर इशारा कर रही है। क्लब में रांची से आई एक शिक्षिका ने नास्तिकता का पाठ पढ़ाया। हिंदू देवी देवताओं पर विवादित टिप्पणी की। इसका वीडियो भी वायरल हो गया है । इसके बाद छात्र-छात्राओं ने ही इसका जमकर विरोध किया। इस विरोध के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने बिहेवियर क्लब की गतिविधियों पर रोक लगा दी। उधर आरोप है कि मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन पर भी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अब तक कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की है।


इधर कैंपस में बने हनुमान मंदिर को ढहा दिया गया है ।
और फिर आनन-फानन में ही कहीं और छोटा सा मंदिर बना कर हनुमान जी की खंडित प्रतिमा स्थापित कर दी गई। इन गतिविधियों और खासकर खंडित प्रतिमा स्थापित करने के विरोध में सोमवार को विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने धरना प्रदर्शन कर हनुमान चालीसा का पाठ किया । कुलपति के अनुपस्थिति में रजिस्ट्रार को बातचीत के लिए स्टूडेंटों द्वारा धरना स्थल पर बुलाया गया। जब वे सामने नहीं आए तो स्टूडेंट्स विश्वविद्यालय का गेट बंद कर कैंपस में ही धरने पर बैठ गए। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची। आखिरकार रजिस्ट्रार को सामने आना पड़ा। फिर धरना करने वाले छात्रों ने रजिस्टार को मंदिर ले जाकर खंडित प्रतिमा दिखाई तो उन्होंने विश्वविद्यालय की भूल स्वीकार करते हुए जल्द ही भव्य मंदिर निर्माण कर नई प्रतिमा स्थापित करने का वचन दिया। वही अन्य विवादित गतिविधियों में भी कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।


एक के बाद एक इस तरह की गतिविधियों से सेंट्रल एजेंसियों का ध्यान भी कोनी बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी की ओर गया है । इस संबंध में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का कहना है कि
यह सब कुछ संयोग नहीं हो
सकता। इसके पीछे कोई ताकत काम कर रही है। जिससे
बिलासपुर जैसे शांत शहर के माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे प्रयासों से विश्वविद्यालय में दूर-दूर से पढ़ाई करने पहुंचे छात्र-छात्राओं का ही नुकसान होगा। शहर के प्रबुद्ध जन भी इस घटना को जानकर व्यथित हैं। विश्वविद्यालयीन छात्र प्रतिनिधियों ने इस घटना के विरोध में त्वरित एवं उचित कार्रवाई किए जाने की प्रशासन से अपील की है।

 

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