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लूट रहा है आबकारी विभाग जिले में ओवर रेट पर बिक रही शराब क्वाटर अध्धि में 20 रुपया तो बाटल में 50 की अतरिक्त वसूली

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जिले में रोज 10लाख से अधिक की ऊपरी कमाई ।

,रोज एक करोड़ से अधिक की बिक्री जिले में ,

आबकारी विभाग खुद बिकवा रहा अवैध शराब कोचियों को थोक में अवैध शराब बेचने पेटी पेटी बिक्री ।

चंद्रशेखर वर्मा की रिपोर्ट

पलारी । शराब बिक्री के नाम पर आबकारी विभाग खुलेआम लोगो को लूट रहा है क्योंकि निर्धारित दर से अतिरिक्त पैसा लेकर शराब भट्टी में शराब बेची जा रही है शिकायत पर कोई सुनने वाला नहीं और नही कोई कार्यवाही करने वाला जिससे अब शराब पीने वाले भी शिकायत कर थक चुके हैं। हम शराब पीने वालो की समर्थन कर रहे और नही उन्हे बढ़ावा दे रहे क्योंकि शराब पीना और उसे समर्थन करना दोनो शेहद और समाज के लिए हानिकारक है मगर इस तरह सरकारी दुकान के नाम पर लूट मचाने वाले को छूट भी नही दिया जा सकता क्योंकि गलत तो आखिर गलत है । इस पूरे मामले में सबसे दुर्भाग्य कि बात ये है की शासन द्वारा संचालित सरकारी दुकानों में खुलेआम 20 से ₹50 की अतिरिक्त वसूली शराब दुकान के सेल्समैन द्वारा की जाती है या पूरा खेल सिस्टम का है। ऊपर के अधिकारियों के निर्देश पर ही पूरे जिले में ओवर रेट पर शराब बेची जाती और
जो सेल्समैन कहना नहीं मानते उन पर गाज गिर जाती है। अधिकारियों के निर्देश पर शराब भट्टी के सेल्समैन क्वार्टर (अंग्रेजी) में ₹20 देसी में ₹10 अंग्रेजी के बाटल में ₹50 रुपया जबकि अध्दि में 20रुपया हर शीशी में अतरिक्त वसूली करते है जिससे शराब दुकान के कर्मचारी खुलेआम लोगो को लूट रहा है ।

शराब के ऊपर रेट के लिए रोज भट्टी में होता है विवाद,

पूरे जिले में करीब 30से 35शराब दुकान है जहा रोज की बिक्री एक करोड़ से अधिक है वही शराब लेने जाने वाले लोगो से खरीदी में निर्धारित मूल्य से सेल्समैन द्वारा हर क्वाटर अध्दी बाटल में ओवर रेट वसूली करता है जिसका विरोध करने पर रोज शराब भट्टी में विवाद की स्थिति निर्मित होती है और कई बार पुलिस को भी स्थिति नियंत्रण में करने शराब दुकान जाना पड़ता है ।मगर ओवर रेट कम नही होता क्योंकि ओवर रेट में कमाया हुआ पैसा का पूरी ईमानदारी से सेल्समैन से लेकर अधिकारियो तक आपस में बट जाता है ।

डंके की चोट पर बेचा जाता है अधिक रेट पर शराब, क्योंकि ऊपरी कमाई का 75 प्रतिशत ऊपर के अधिकारियों को जाता है ।

वही शराब लेने वाले कुमार ,बुधारू ,साजिद खान, संतोष, सतीश, टी आर ,मनोज ,बसंत कमलनारायण ,सुरेंद्र आदि का कहना है की शराब दुकानों में ओटर रेट बेचने वाले सेल्समैन डंके की चोट पर शासकीय दुकान में निर्धारित दर से अधिक कीमत पर शराब बेचता है ।
वही लोगो का कहना है की दुकान में शराब बेचने वालो को पूरा निर्देश ऊपर के अधिकारियों का होता है और ये खेल 25और 75प्रतिशत की होती है 25और 75का मामला को हम आपको समझाते है जितना भी अतरिक्त पैसा शराब बिक्री की होती है उसमे 25प्रतिशत पैसा दुकान के सेल्समेनो में बाटा जाता है और 75प्रतिशत राशि ऊपर के अधिकारियों को जाता है जिसके कारण ओवर रेट में शराब बिक्री बंद नही होती ।
एक दुकान में सबकुछ खर्च काटकर 50हजार से अधिक अधिकारियो को रोज जाता है ।

वही दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों का माने तो हर दुकान में कम से कम 50 हजार रुपया दुकान अतरिक्त कमाई होती है जिन दुकानों की बिकरी 6से 8लाख की होती है उस दुकान से खर्च काटकर 50हजार से अधिक राशि अधिकारियो को रोज जाता है ।

आबकारी विभाग खुद बिकवाता है अवैध शराब,

आबकारी विभाग का काम अवैध शराब पर रोक लगाने और कार्यवाही करने का है मगर अपनी ऊपरी कमाई के लिए विभाग ही अवैध शराब की बिक्री कराता है और कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति करता है एवम कच्ची शराब पकड़कर खुद की पीठ थपथपाता है ।विभाग द्वारा संचालित सरकारी दुकानों से शराब कोचियों को अधिक पैसा लेकर थोक के थोक में शराब बेची जाती है जबकि नियम के तहत एक व्यक्ति को 8क्वार्टर शराब से ज्यादा नही देना है मगर शराब दुकान में अधिक बिक्री के लिए शराब कोचियों को पेटी पेटी शराब बेची जाती है जो गांव में जाकर अवैध शराब बेचते है ।

जिले में 30 से 35शराब दुकान मगर 300से अधिक गांव में बिकती है अवैध शराब।

वैसे तो जिले में 30से 35शराब की दुकान है मगर हर दूसरे गांव में अवैध शराब की शिकायत आम बात है और ये अवैध शराब 90प्रतिशत शासकीय शराब दुकान से लिया हुआ शराब ही होता है । जबकि 10प्रतिशत कच्ची और बाहर का शराब है जो गांव में बिकता है । जो गांव शराब बेचने वाले कोचिया होते है उनका भी कहना है की वे लोग दुकान दार को अधिक पैसा देता है तब उन्हे शराब मिलती है तो वे भी मजबूर है अधिक कीमत पर शराब बेचने के लिए ।

अधिकारियो के निर्देश पर ही बेचते है ओवर रेट पर शराब ,सेल्समैन

वही शराब दुकानों में शराब बेचने वाले कर्मचारियों ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया की वे लोग मजबूर है अधिक रेट पर शराब बेचने को क्योंकि अधिकारी ही ओवर रेट पर शराब बिकवाता है और अतरिक्त कमाई का 25प्रतिशत पैसा दुकान के कर्मचारी को बाटा जाता है और 75प्रतिशत अधिकारी ले जाते है । अगर अधिकारियो की बात नही माने तो नौकरी से निकालने या फिर दूकान से हटाने की धमकी दी जाती है जिसके कारण मजबूरी में वे लोग ये काम करते है ।

ओवर रेट पर शराब बेचने वाले सेल्समेनों पर किया गया कार्यवाही ,विकास गोवश्वमी,

वही संबंध जिला आबकारी अधिकारी विकास गोस्वामी का कहना है कि उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा कार्रवाई की गई है जहां भी ओवर रेट की शिकायत आती है निश्चित रूप से उस दुकान पर अधिकारी की डियूटी लगाई जाति है और कार्यवाही भी की जाती है उन्होंने कहा की शिकायत के बाद जैसे ही टीम दुकान पहुंचती है दुकान में ओवर रेट बंद हो जाता है कार्यवाही की जानकारी शायद सेल्समेनों को पहले ही लग जाती है ।

शासकीय शराब दुकान पर ओवर रेट पर रोज बिकती है शराब

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