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पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में PFI के 70 ठिकानों पर NIA का छापा

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LagatarDesk : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गैंगस्टर टेरर फंडिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है. NIA ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 70 ठिकानों पर एकसाथ छापा मारा है. यह छापेमारी गैंगस्टर और उनके करीबियों के ठिकाने पर चल रही है. जानकारी के मुताबिक, एनआईए ने यह कार्रवाई गैंगस्टर और तमाम राज्यों में फैले उनके आपराधिक सिंडिकेट के खिलाफ दर्ज मामलों के संबंध में की है.

कुछ दिन पहले राजस्थान में भी NIA ने PFI के कई पदाधिकारी के घर मारी थी रेड

बता दें कि इससे पहले 18 फरवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राजस्थान में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई पदाधिकारी के घरों पर छापेमारी की थी. एनआईए ने जयपुर, बूंदी, सवाई माधोपुर, कोटा सहित पीएफआई के सात ठिकानों पर रेड मारी थी. एनआईए की टीम राजस्थान के कोटा में तीन पदाधिकारी और बूंदी, सवाईमाधोपुर, भीलवाड़ा और जयपुर में एक-एक पदाधिकारी के घर पर छापेमारी की थी. ये स्थान संदिग्धों के आवासीय और व्यावसायिक परिसर हैं. 19 सितंबर 2022 को NIA ने संज्ञान में लेते हुए इन्हें चिह्नित किया था.

लारेंस बिश्नोई सहित कई चर्चित गैंगस्टर NIA के रडार पर

बताते चलें कि गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई, नीरज बवाना, टिल्लू ताजपुरिया और गोल्डी बराड़ पहले से ही एनआईए की रडार पर हैं. इस मामले एनआईए कई गैंगस्टरों से पूछताछ भी कर चुकी है. इसी आधार पर एनआईए पिछले 3 महीने से छापेमारी कर रही है. पिछले साल अक्टूबर में आतंकवाद विरोधी एजेंसी एनआईए ने उत्तर भारत और दिल्ली में 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद एजेंसी ने एक गैंगस्टर और वकील को गिरफ्तार भी किया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर पांच साल का लगाया था बैन

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 28 सितबर 2022 को पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच साल का बैन लगा दिया था. इसको लेकर गृह मंत्रालय द्वारा लेटर जारी किया था. लेटर में लिखा था कि ये संगठन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर पीएफआई की मदद करते थे. इसमें से कई संगठन ऐसे हैं जो कि फंडिंग किया करते हैं. पीएफआई के सहयोगी संगठन जैसे रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट को भी बैन कर दिया गया था.

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