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RVM : अब EVM नहीं RVM से भी पड़ेंगे वोट, आखिर क्या है RVM? कब, कहां, क्यों और कैसे, समझे यहां विस्तार से

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आज के वक़्त में बहुत से मतदाता ऐसे होते हैं, जो नौकरी( job) समेत कई वजहों से मतदान नहीं कर पाते हैं।क्या कोई ऐसा तरीका हो सकता है कि राज्य से बाहर रह रहे मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी के लिए वोट डाल सकें तो चलिए जानते है रिमोट वोटिंग मशीन (RVM) के बारे में

बता दे 16 जनवरी  को देश के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के सामने रिमोट वोटिंग मशीन यानी आरवीएम (RVM) का प्रदर्शन किया।

 अब जाने रिमोट वोटिंग मशीन ( remote voting machine)आखिर क्या है?

रिमोट वोटिंग मशीन यानी आरवीएम के बारे में सबसे पहले जानकारी बीते साल 29 दिसंबर को सामने आई थी।

चुनाव आयोग ने इसके बारे में बताते हुए कहा था कि आरवीएम के जरिये घरेलू प्रवासी नागरिक यानी अपने गृह राज्य से बाहर रह रहे मतदाता भी वोट डाल सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर कोई मतदाता कानपुर में पैदा हुआ है और किसी कारण से दूसरे राज्य या किसी अन्य जगह रह रहा है. इस स्थिति में वो मतदाता वोट नहीं कर पाता है. आरवीएम की मदद से ऐसे मतदाताओं को भी वोटिंग का अधिकार दिया जाएगा।

कैसे करेगा काम ( work) 

आवेदन के दौरान मतदाता की ओर से दी गई जानकारी को चुनाव आयोग की टीम उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र की जानकारियों से प्रमाणित करेगी. प्रमाणित हो जाने पर प्रवासी मतदाताओं के लिए वोटिंग के समय आरवीएम सेंटर स्थापित किए जाएंगे. वोटर आईडी कार्ड को आरवीएम पर वोटिंग के लिए स्कैन किया जाएगा।

आखिर क्यों ( reason) 

चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान में कमी के पीछे बड़े कारणों में से एक घरेलू प्रवासियों का मतदान न कर पाना भी है. अगर अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर रह रहे मतदाताओं को इस तरह की सुविधा मिलेगी, तो निश्चित तौर पर वो मतदान करने के लिए आएंगे।

कैसे होगी वोट की गिनती ( vote count) 

आरवीएम के साथ लगी वीवीपैट मशीन में भी ईवीएम की तरह ही पर्ची में सारे विवरण प्रिंट होकर वोटर को दिखेंगे. मतगणना के दौरान आरवीएम में दिए गए वोट के आंकड़ों को संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के कुल वोटों से जोड़ दिया जाएगा।

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