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- विकास एवं पर्यावरण निधि, दो वनमंडल में 12 करोड़ 82 लाख की स्वीकृति
अक्कु रिजवी/कांकेर/भानुप्रतापपुर । छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से कांकेर जिला के कांकेर वनवृत्त के दो वनमंडल में विकास एवं पर्यावरण निधि से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 70 किलोमीटर वन मार्गो के मुरमीकरण कार्यो की स्वीकृति दी गई है, जिसमे कई प्रकार के तकनीकी एवं राजनीतिक समस्याए सामने आ रही है। जबकि देखा जाए तो स्वीकृत वन मार्गो की लागत वन विभाग से अधिक दर्शाई गई है। जो वन मार्ग स्वीकृत की गई है उनमे अधिकांश वन मार्ग पहले से ही पुर्ण एवं अच्छी स्थिति में है, वही इनमे से कुछ मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में भी प्रस्तावित बताये जा रहे है। विदित हो कि कांकेर वनवृत के पूर्व वनमण्डल में कुल 48 किलोमीटर लागत राशि 8 करोड़, 79 लाख 36 हजार एवं पशिचम वन मंडल में 22 किलोमीटर लागत 04 करोड़ 03 लाख 04 हजार कुल 12 करोड़ 82 लाख के संवेदनशील व अति संवेदनशील क्षेत्रों में विकास एवं पर्यावरण निधि से वित्तीय वर्ष 2020-21 के वनमार्गो में मुरमीकरण कार्यों की स्वीकृति 04 जून 2020 को किया गया। जो कि कार्य प्रारंभ होने से पहले ही संदेश के घेरा नज़र आ रही है। कार्य प्रोजेक्ट को देखा जाए तो कार्य स्थल से मूरूम 30 किलोमीटर एवं मिट्टी ढुलाई 05 किलोमीटर की दूरी से लाना बताया जा रहा है,जो समझ से परे है क्योंकि सड़क निर्माण कार्य में मिट्टी व मूरूम नजदीक क्षेत्र से ढुलाई किया जाता है,जिससे लागत कम आते है। जबकि वन मार्ग प्रोजेक्ट में अधिकारियों की माने तो मिट्टी व मुरमिकरण रोड निर्माण में प्रति किलोमीटर 15 लाख अधिकतम राशि ढुलाई में लगते है।
विसंगतिया
1, प्रति किलोमीटर मिट्टी मुरमिकरण कार्य मे 4 लाख 25 बढ़ाया गया है।
2, जो मार्ग मर कार्य बताए जा रहे है , पहले ही बनाया जा चुके है, वर्तमान में सड़क की स्थिति अच्छी है,
3, जिस सड़क पर कार्य बताया जा रहे है उनमें से कुछ सड़के प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में प्रस्तावित है।
04 जो सड़के ग्रामीणों के द्वारा आवेदन पर प्रस्तावित बताया जा रहा है,सूत्रों कि माने तो ग्राम पंचायतों में इन सड़कों की मांग नही किया गया है।
05 अंतागढ़ परिक्षेत्र के अंतर्गत, प्रस्तावित सड़के तडोकी से परतापुर लम्बाई 02 किमी, गोटूलबेड़ा से कोयलीबेड़ा 12 किमी, भैस गांव से जुनवानी 8 किमी, साल्हेभाट से हूरतराई 4 किमी ,वही आमाबेड़ा परिक्षेत्र के ईरागांव से करमारी 22 किमी, कुल 48 किमी, परिक्षेत्र कापसी परतापुर से नेहड़ 02 किमी, कोयलीबेड़ा से सोलनगी से बदरंगी 03 किमी, पशिचम परलकोट बेलगाँव से मेहड़ा 22 किमी सभी सड़को को दो-दो किमी में बांट कर राशि को बढ़ाया गया है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक
छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि इस सम्बंध में न तो हमारे पास कोई पत्र आया है और न ही इसकी कोई जानकारी है, जिला स्तर से होने के कारण कलेक्टर या फिर सम्बंधित वन विभाग के सीसीएफ एवं डीएफओ ही बता पाएंगे।
एस एस डी बढ़गईया मुख्य वन संरक्षक वनवृत्त कांकेर का कहना है कि इस योजना के तहत वनमार्ग बनाये जाने रायपुर से पत्र आया है, बारिश के कारण काम शुरू नही किया गया है, मिट्टी व मुरमिकरण के लिये निविदा निकाला जाना है, कम दर वाले ठेकेदार को ही काम दिया जाना है।
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