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शिवालिक क्षेत्र में कई भौगोलिक छिपे हैं रहस्य, सहारनपुर में 38 करोड़ साल पुराने जीवाश्म मिले

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सहारनपुर : सहारनपुर के शिवालिक क्षेत्र में कई भौगोलिक रहस्य छिपे हैं। शिवालिक की तलहटी से निकलने वाली सहन्सरा नदी के बेसिन में 30 से 38 करोड़ वर्ष पहले समुद्र में पाए जाने वाले जीव का जीवाश्म मिलने का दावा किया गया है।

सेंटर फॉर वाटरपीस संस्था के विज्ञान प्रभारी और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वॉयरमेंट, इकोलॉजी एंड डेवलपमेंट उत्तराखंड के वैज्ञानिक डॉ. उमर सैफ ने दावा किया है कि जीवाश्म लेट डिवानियन से कार्बोनिफेरस कॉल के समय मिलने वाले हाइडनोसेरस नाम के बहुकोशिकीय जीव का है। जीवाश्म मिलने के बाद वैज्ञानिकों ने कई अन्य रहस्य होने का भी दावा किया है। साथ ही रिसर्च भी शुरू कर दी है।

सहारनपुर के शिवालिक क्षेत्र से कई छोटी नदियां निकलती हैं। इन्हीं में से एक है सहन्सरा नदी। काफी समय से नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नदी का जियोलाजिकल जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसके लिए भू-वैज्ञानिक शिवालिक क्षेत्र और नदी में सर्वे कर रहे हैं। सेंटर फॉर वाटरपीस संस्था को इसी दौरान एक जीवाश्म मिला। जिसकी जांच में बड़ा रहस्य सामने आया।

देहरादून, वैज्ञानिक हिमालयन इंस्टीट्यूट, डॉ. उमर सैफ ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शिवालिक क्षेत्र में सहन्सरा नदी से हाईडनोसेरस के जीवाश्म मिले हैं। हाइडनोसेरस एक जीव नहीं बल्कि कई अन्य जीवों का एक समूह होता था, जो एक साथ रहता था।

क्या होता है जीवाश्म
पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले प्राचीन जीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जीवाश्म कहते हैं। जीवाश्म पृथ्वी की सतहों या चट्टानों में पत्थरों के रूप में सुरक्षित पाए जाते हैं। जीवाश्म से कार्बनिक विकास का प्रत्यक्ष प्रमाण मिलता है।

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