सरगुजा। बलरामपुर– रामानुजगंज जिले के सनवाल थाना क्षेत्र में महिला और उसकी नाबालिग भतीजी से हुए गैंगरेप की घटना से क्षुब्ध होकर पीड़िता महिला द्वारा आत्महत्या के मामले में लापरवाही बरतने, मुख्य गवाह रही नाबालिग का तत्काल बयान दर्ज नहीं करने और तीन माह के विलंब से FIR दर्ज करने में सनावल थाना प्रभारी उप निरीक्षक गजपति मिर्रे को आईजी दीपक झा ने लाइन अटैच कर दिया वहीं विवेचना करने वाले एएसआई रोशन लकड़ा को निलंबित कर दिया है।
क्या है मामला..?
इस घटना की शुरुआत सितंबर माह से होती है। झारखंड के गढ़वा की एक महिला शादी होकर सनवाल थाना क्षेत्र के गांव में आई है। महिला का पति राजस्थान में काम करने गया हुआ है। इस दौरान महिला का अपने मायके के पास के गांव में रहने वाले एक युवक से बातचीत शुरू हो गया। दोनों फोन पर बातचीत करते थे और दोनों के मध्य प्रेम प्रसंग भी शुरू हो गया। दूसरे युवक से फोन पर बात करने की जानकारी मिलने पर महिला के पति ने उसे फोन कर डांटा भी था और पराए पुरुष से बात करने से इंकार किया था पर महिला नहीं मानी। इसी बीच तीन सितंबर को महिला का कथित प्रेमी उससे मिलने झारखंड से सनवाल थाना क्षेत्र आया था। उसने महिला को गांव के बाहर के जंगल में मिलने बुलाया। यहां महिला अपनी 16 वर्षीया नाबालिग भतीजी के साथ अपने प्रेमी से मिलने गई थी। यहां महिला का प्रेमी अकेले नहीं आया था बल्कि अपने साथ अपने दो और साथियों के साथ आया था।
जंगल में हुआ गैंगरेप
जंगल में जब महिला अपने प्रेमी से मिलने आई तो महिला के प्रेमी और उसके दोनों साथियों ने महिला और उसकी भतीजी से गैंगरेप किया और उन्हें घायल अवस्था में जंगल में छोड़कर भाग निकले। एक यह भी बात सामने आ रही है कि नाबालिग लड़की से सिर्फ एक आरोपी ने गैंगरेप किया और इस दौरान महिला को दो आरोपियों ने पकड़ रखा था और वह घटना को देखते रहे। जिसके बाद तीनों आरोपियों ने मिलकर महिला से गैंगरेप किया।
रेप से दुखी महिला ने कर ली आत्महत्या
घायल अवस्था में महिला ने मोबाइल से फोन कर अपने परिचित ग्रामीण को जंगल में गिरने से चोट लगने की बात कह बुलाया और घर ले जाने की बात कही। महिला ने घर पहुंचने के चार दिनों बाद सात सितंबर को गैंगरेप की घटना से दुखी होकर आत्महत्या कर ली।
इस मामले में सनावल पुलिस सिर्फ मर्ग कायम कर घटना की सामान्य तरीके से जांच करती रही। घटना की मुख्य गवाह रही नाबालिग पीड़िता का भी कथन नहीं लिया। यदि उसी दिन कथन लिया जाता तो गैंगरेप की बात उसी समय सामने आ जाती और उसी हिसाब से फिर एफआईआर और पीएम की कार्यवाही की जा सकती थी। पर पुलिसकर्मियों की लापरवाही के चलते सामान्य तरीके से पोस्टमार्टम भी हो गया। आत्महत्या करने वाली महिला के पिता ने झारखंड के अपने गृहग्राम से आकर थाने में अपनी बेटी की रेप के बाद हत्या किए जाने का आवेदन भी देना चाहा पर सनावल थाना प्रभारी ने उनका आवेदन नहीं लिया। इसके बाद 10 अक्टूबर को मृतका के पिता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई।
आई जी ने मामले को लिया संज्ञान में
यह मामला सरगुजा रेंज जाएगी दीपक झा के संज्ञान में आया। उन्होंने मामले का परीक्षण किया जिसमें जानकारी मिली की घटना के काफी दिनों बाद न तो आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध दर्ज हुआ और न ही गैंगरेप का दर्ज हुआ है यहां तक कि मामले की मुख्य नाबालिक बच्ची का कथन भी दर्ज नहीं किया गया है, जिसके चलते मामले की सच्चाई सामने नहीं आ सकी वहीं पोस्टमार्टम भी रूटिन प्रक्रिया से निपटा दिया गया। घटना के तीन माह विलंब से नाबालिग पीड़िता का कथन दर्ज हुआ तो सच्चाई सामने आई और मामले में अपराध दर्ज किया गया।
आई जी दीपक झा ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए बलरामपुर– रामानुजगंज जिले के सनवाल थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर गजपति मिर्रे को अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने और लापरवाहीपूर्ण कृत्य के लिए लाइन अटैच कर दिया है। वही मामले की विवेचना कर रहे एएसआई रौशन लकड़ा को निलंबित कर दिया है। वहीं मामले में महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने पर एक प्रकरण तीनों आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया गया है, दूसरा मामला नाबालिग सेे रेप और पॉक्सो एक्ट का दर्ज किया गया है।

