रायपुर । हार्ट से जुड़े इलाज में कई बार जल्दबाजी में मरीज डर, भ्रम और सही फैसले न लेने के दबाव में आ जाते हैं, लेकिन राजधानी के इट्सा हॉस्पिटल में हर मरीज को स्पष्ट जानकारी, सही मार्गदर्शन, पूरी संवेदनशीलता और धैर्य के साथ इलाज किया जाता है। यहां के कंसल्टेंट-इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अक्षत जैन इस सोच का नेतृत्व करते हैं, और उनका ध्यान हमेशा मरीज के हित एवं स्वास्थ्य पर होता है। उनकी इसी सोच का एक उदाहरण हैं कोरबा की 48 वर्षीया एसजे, इन्हें दो साल से परिश्रम करने पर सीने में दर्द की शिकायत थी। कई जगह दिखाने के बाद वे जांच के लिए इट्सा पहुंचीं। यहां कोरोनरी एंजियोग्राफी में दिल की 2.25 मिलीमीटर की पतली नली में 80% ब्लॉकेज पाया गया। ऐसा ब्लॉकेज सुनकर कोई भी घबरा सकता है, लेकिन यहां पूरे मामले को धीरे-धीरे सरल भाषा में समझाया गया। डॉ. जैन और उनकी टीम ने मरीज के परिजनों को बताया कि ब्लॉकेज ज्यादा है और एंजियोप्लास्टी करना संभव है। लेकिन नली बहुत पतली और उनकी स्थिति स्थिर होने के कारण दवाओं से इलाज भी उतना ही सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है। सबसे खास बात यह रही कि यहां किसी ने भी स्टेंट लगाने का दबाव नहीं डाला। न कोई जल्दबाजी, न कोई डर, सिर्फ सही जानकारी और उचित सलाह और मार्गदर्शन दी गई। परिवार ने सब समझने के बाद दवाइयों से इलाज का निर्णय लिया। डॉक्टरों ने इस निर्णय का पूरा सम्मान किया। आज मरीज स्वस्थ है, और बिना किसी असुविधा के सामान्य सक्रिय जीवन जी रही हैं। डॉ. जैन कहते हैं कि प्रत्येक ब्लॉकेज में स्टेंट की आवश्यकता नहीं होती। सटीक जांच, उचित सलाह और वैज्ञानिक निर्णय ही सही उपचार की पहचान हैं यही इट्सा की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इट्सा की सर्वोच्च प्राथमिकता मरीजों का विश्वास और समुचित इलाज : डॉ. अक्षत जैन

