रायपुर । पूर्व महापौर प्रमोद दुबे ने आज जनसंवाद के तीसरे दिन विभिन्न प्रकार के जमीन कारोबारी से जनसंवाद कर उनकी राय मांगी अधिकांश कारोबारी एवं किसानों ने इस निर्णय को न केवल अव्यवहारिक बताया बल्कि ऐसा भी आरोप लगाया की कुछ बड़े नेता एवं अधिकारियों के विशेष जगह में जमीन खरीदने के उपरांत जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शायद सरकार करने वाली है जहां उन्हें भरपूर मुआवजा मिलेगा,,, जिससे उनकी रकम एक नंबर में चार गुना हो जाएगी।। क्योंकि किसानो की जमीन का अधिग्रहण का मामला नहीं के बराबर है ।।जमीन कारोबारीयो ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश संहित यूपी बिहार महाराष्ट्र राजस्थान उड़ीसा जहां भाजपा की सरकार है उन्होंने गाइडलाइन शुल्क में वृद्धि नहीं की है तो वहां क्या सरकार मनी लॉन्ड्रिंग करवा रही है ,,,जैसा ओपी चौधरी जी का बयान है ,,,,आज वास्तविकता से सरकार मुंह छुपाना चाहती है इसलिए तथ्यहीन तर्क के बहाने अपनी कमजोरी को छुपा रहे हैं ऐसा लगने लगा है की सरकार को जनकल्याण के लिए नहीं व्यापार करने के लिए जनता ने चुनी है।। प्रमोद दुबे ने कहा है कि अब कोई माध्यम वर्गीय या निम्न मध्यम वर्गीय व्यक्ति लोन लेगा तो उसका आधा पैसा जमीन के रजिस्ट्री में ही खर्च होगा,,, या यह भी कह सकते हैं की आने वाले दिनों में रजिस्ट्री करने के लिए आम जनता को लोन लेना पड़ेगा ,,,लगभग 80% स्थान की गाइडलाइन में सुधार की आवश्यकता है 20% उन क्षेत्रों में युक्ति युक्त करण करना होगा जहां आवश्यक है ,,जैसे बलौदा बाज़ार मार्ग पर गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई है इससे ऐसा लगने लगा है की सरकार आने वाले दिनों में उधर सड़क बनाने वाली है ताकि किसानों को मुआवजा न देना पड़े।।। लेकिन इन सबके बावजूद सरकार किन विद्वानों से राय लेकर गाइडलाइन जारी की है कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक सरायपाली से लेकर डोगरगढ़ तक लगातार आंदोलन चल रहे हैं ,,,तथा मुख्यमंत्री एवं ओपी चौधरी जी के पुतले जलाए जा रहे हैं ,,,क्या ये सब ना समझ लोग हैं ।प्रमोद दुबे ने आरोप लगाया है कि अफसर बंद कमरे में बैठकर जो सलाह दिये सरकार उसी लिखित आंकड़ों के आधार पर गाइडलाइन जारी कर दी ।।किसानों एवं जमीन कारोबारीयो ने कहा है कि आने वाले दिनों में लगभग 1 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार होकर सड़क में होंगे
जमीन के संबंध में जारी नई गाइडलाइन के दर किसानो और छोटे जमीन कारोबारी को दिवालिया बनाने की स्कीम

