देश दुनिया वॉच

क्या कांग्रेस का आंदोलन आम जनों को राहत दिला पाएगा ?, यह एक दिवसीय आंदोलन तक ही सीमित न रह जाए ?

Share this

क्या कांग्रेस का आंदोलन आम जनों को राहत दिला पाएगा ?, यह एक दिवसीय आंदोलन तक ही सीमित न रह जाए ?

 


बिलासपुर

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला व शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा आम जनों को राहत दिलाने विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए कलेक्टर का घेराव कर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने कलेक्टर परिसर पहुंचे बहुत संघर्ष के बाद एसडीएम ने जिला अध्यक्ष द्वय के हाथों ज्ञापन लिया, आम जनों का मानना है कि कांग्रेस का जन आंदोलन कहीं इक दिवसीय आंदोलन बन के ना रह जाए यदि समस्याओं का निराकरण भाजपा सरकार नहीं करती तो कांग्रेस आगे भी कोई ठोस कदम उठाएगी यह प्रश्न आम जनों के बीच चर्चा का विषय बना रहा।

भाजपा सरकार बनने के बाद पहली बार कांग्रेस सड़कों पर उतरी और बिलासपुर में विरोध की आग सबसे ज्यादा भड़की। पीसीसी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी ने घटिया सड़कों, जमीन रजिस्ट्री की महंगी दरें, जमीन मूल्य वृद्धि, धान खरीदी की अव्यवस्था और बिजली बिलों में बेतहाशा वृद्धि जैसे आरोपों को लेकर कलेक्टोरेट के बाहर हज़ारों कार्यकर्ताओं के साथ जोरदार प्रदर्शन किया।

 

//कलेक्टर–एसपी कार्यालय के चारों ओर किलेबंदी//

प्रदर्शन से पहले से ही प्रशासन हाई अलर्ट मोड में था। नेहरू चौक से गैली नाका तक ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। कलेक्टर और एसपी कार्यालय के दोनों तरफ इतनी मज़बूत सुरक्षा व्यवस्था खड़ी कर दी गई थी कि कोई भी आम व्यक्ति, राहगीर या कांग्रेस नेता उस ओर कदम भी नहीं बढ़ा सका। पूरा परिसर किले जैसी सुरक्षा में बदल चुका था। भारी बैरिकेड्स, पुलिस बल की तैनाती और तीन परतों वाली घेराबंदी ने रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया।

ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर अध्यक्ष विजय पांडे की अगुवाई में कांग्रेसी कलेक्टोरेट की ओर बढ़े। आंदोलन में गूंज रहे नारे — बिजली बिल लूट बंद करो, धान खरीदी की अव्यवस्था नहीं चलेगी”, “महंगाई से जनता त्रस्त है”— ने सड़क को विरोध के मंच में बदल दिया। भीड़ का उफान लगातार बढ़ता गया और सुरक्षा घेरों की ओर दबाव बनने लगा।

कई कांग्रेसी बैरिकेड्स के करीब पहुंचे और आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस का चाक-चौबंद पहरा हर प्रयास को रोकता रहा। कलेक्टर और एसपी कार्यालय तक पहुंचना लगभग असंभव बना दिया गया था। भीड़ बैरिकेड्स से टकराती रही, लेकिन पुलिस ने किसी भी स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया। नारे और गुस्सा बढ़ता रहा, माहौल में तनाव तैरता रहा।

////वॉटर कैनन की तैनाती, चेतावनी की बौछार////

तनाव बढ़ने पर पुलिस ने वॉटर कैनन तैनात किए और चेतावनी के तौर पर हवा में पानी की तेज़ बौछार छोड़ी। इससे भीड़ कुछ पल के लिए ठहरी, लेकिन आंदोलन का ताप कम नहीं हुआ। नारेबाज़ी और भी तेज़ हो गई और कलेक्टोरेट के बाहर की हवा में राजनीतिक आग और भड़क उठी।

////कांग्रेस का सीधा हमला///

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर गरीबों और मध्यम वर्ग को मारने का आरोप लगाया। बिजली बिलों में बढ़ोतरी, 400 यूनिट माफी खत्म होने, जमीन रजिस्ट्री दरों में वृद्धि, भूमि मूल्य बढ़ोतरी, किसानों पर बोझ और धान खरीदी केंद्रों की अव्यवस्था—इन सभी मुद्दों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला गया। भीड़ की आवाज़ों में जनाक्रोश साफ झलक रहा था।

/////एसडीएम मनीष साहू पहुंचे भीड़ में, ज्ञापन लिया/////

माहौल के बीच एसडीएम मनीष साहू मौके पर पहुंचे। उन्होंने विजय केशरवानी, विजय पांडे और अन्य नेताओं से बातचीत की, आंदोलनकारियों की मांगें सुनीं और लिखित ज्ञापन औपचारिक रूप से लिया। मनीष साहू ने भरोसा दिया कि सभी मुद्दों को उच्च स्तर पर भेजा जाएगा। प्रशासन को तत्काल अवगत कराया जाएगा। प्रशासन के इस हस्तक्षेप ने भीड़ की तीव्रता में हल्की नरमी लाई।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *