डॉ.अंबेडकर युवा मंच के द्वारा संविधान दिवस का राष्ट्रीय आयोजन
प्रतिभाओं का किया गया सम्मान, संविधान का वाचन
डॉ.कंचना यादव ने कहा – जो लोग इमरजेंसी और संविधान की हत्या की बात करते हैं आज डिक्लेअर इमरजेंसी लगाकर बताएं।
सिस्टम में बैठे लोग हमारी आवाज को दबाना चाहते हैं, बाबासाहेब के संविधान की बदौलत आज हम यहां पर हैं-कंचना
डॉ.सुनील कुमार सुमन ने कहा – हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करना ही गैरकानूनी है।
संविधान दिवस के अवसर पर चौथी कक्षा के बच्चों के द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वचन एवं विशेष प्रस्तुति दी गई। प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को बिरसा फूलें अम्बेडकर सम्मान से नवाजा।

बिलासपुर। संविधान दिवस के अवसर पर अंबेडकर युवा मंच के द्वारा आज संविधान दिवस का राष्ट्रीय आयोजन किया गया जिसका थीम एक व्यक्ति, एक वोट एक मूल्य रखा गया। चौथी बच्चों ने तिरंगा – माँ से है मठी माँ से है माथा के गीत में सामूहिक नृत्य किया।
मुख्य वक्ता के रूप में सभा को संबोधित करते हुए जेएनयू शोधकर्ता – मशीन लर्निंग कैंसर बायोलॉजी इंटीग्रेटेड साइंसेस व डेटा साइंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता राष्ट्रीय जनता दल कंचना यादव ने कहा कि इस देश में सिस्टम में बैठे लोग अपनी आइडियाज को हम पर थोपना चाहते हैं। पिछड़े एवं दलित समाज को दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने हम सबके लिए खुलकर लड़ाई लड़ी आर पार की लड़ाई लड़ी और पूरा संविधान बनकर ही दम लिया।
कंचन यादव ने कहा कि कुछर आडियोलॉजी में लोग इमरजेंसी को संविधान हत्या दिवस बताया है । स हमारे संविधान की हत्या कोई नहीं कर सकता है। इमरजेंसी उस समय पर लगा दिया लेकिन आज की तिथि में डिक्लेयर्ड इमरजेंसी लगाने की हिम्मत किसी की नहीं है यह संविधान की ताकत है। जो संस्थाएं हैं उस पर हमला कर सकते हो आप उसको कंट्रोल कर सकते हो संविधानिक संस्थाओं पर एक हमला है लेकिन संविधान यह ताकत देता है कि वह फिर से एक संस्थानों पर उनको ऐसे हटाएगा उनके विचारधारा को ऐसे साइड करेगा नहीं कर पाएंगे। 75 साल आजादी की बात करते हैं लेकिन दलित पिछड़े वर्ग को में विश्वविद्यालय में कितने नौकरी मिली।
कंचन यादव ने कहा कि बाबा साहेब के संविधान की बदौलत मुझे आरक्षण मिला तो आप लोग के सामने हूं। अंबेडकर युवा मंच की संविधान दिवस कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कंचना यादव ने कहा ऐसे ही कार्यक्रम में पावर मिलता है यह लड़ाई आगे जारी रहेगी।
कंचन यादव ने यह भी कहा कि चुनाव में जीत हार लगे रहती है। लेकिन हम अपने विचारों को जनता तक पहुंचाते रहेंगे। यह इतिहास हमारा भारत इतिहास जानता है। भीमराव अंबेडकर जी का दिया हुआ जो संविधान है उसमें हमारी ताकत और प्रधानमंत्री की ताकत और एक पूंजी पति की ताकत बराबर होती है जब हम वोट करने जाते हैं। एक एक व्यक्ति एक वोट और एक व्यक्ति और एक बोर्ड से चाहे तो जो भी विचारधारा ला सकता है। विचारधारा हटा सकता है। अटैक होता है हमला होता हमको कब्जे में किया जाता है जैसे एक उदाहरण हम ले लेते हैं हमारी नागरिकता जो है वह प्रूफ नहीं होगी। किस तरीके से संवैधानिक जो संस्था है उस पर हमला हो रहा है दूसरा हम सबको मालूम है स्पेशल इंटेंसिटी रिवीजन चल रहा है उसमें शब्द है शुद्धिकरण मुझे नफरत होती है। और आज स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन में कह रहे हैं शुद्धिकरण होना चाहिए मतलब आप चाह रहे हो समाज को समुदाय को हटाकर टारगेट करके अब शुद्धिकरण करना चाह रहे हो यह शब्द ही अपने आप में हम लोगों को याद दिलाता है कि कैसे शुद्धिकरण कयोरीफिकेशन हमारे लिए इस्तेमाल किया जाता था । अंबेडकर भारत की तकदीर लिखेंगे की संविधान है संविधान है तो ताकत है संविधान है सुप्रीम कोर्ट में जाए जो भी संविधानिक शक्तियां और संस्था भागीदारी हो होनी चाहिए। बिना परीक्षा बिना उनके एग्जाम दिए हुए उनको सीधे सचिव उनको सीधे कहीं का डायरेक्ट उनको सीधे किसी भी लेवल का अधिकारी बन सकती है बिना परीक्षा दिए हुए और उनको आज वह समाज जो सदियों से पीछे छोड़ दिया गया था। बाबा साहब के संविधान के बदौलत आज यूपीएससी एक्जाम क्लियर हो रहा है और आप कितना भी रोक लीजिएगा सचिव बनने से नहीं रोक पायेगा डायरेक्टर बनने से नहीं रोक पाएगा । किस देश में संविधान महिला इस देश में आदिवासी वर्ग कितना है जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी जानी चाहिए ,यह कौन डिसाइड करेगा जब फाइनेंस कमिशन में हमारे लोग ही नहीं रहेंगे । नेशनल कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लास फॉर ट्राईबल्स नेशनल कमिशन फॉर द लिस्ट दी गई है लेकिन उनको कितना पावर दिया गया है। कि हमारे लिए संविधानिक संस्थाएं बनी हुई है उनका पूरा छूट दिया जाए उनको फ्रीडम दिया जाए या डिसाइड करने के लिए यह समुदाय है दलित समुदाय के लिए आदिवासी समुदाय के लिए बच्चों के लिए कितने हॉस्टल्स कहां खुलेंगे कितने स्कॉलरशिप कहां मिलेगी हमारे समाज को वेल्थ पैसा उतने अमाउंट में मिल रहा है जितनी उनकी संख्या है या नहीं । हमारे जैसे सामाजिक कार्यकर्ता आपके जैसे सामाजिक कार्यकर्ता की जिम्मेदारी होती है कि वहां तक की आवाज पहुंचे। धर्मनिरपेक्षता , मनुस्मृति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि लोग हैं जो मनुवाद जो मनुस्मृति के सहारे देश को चलाना चाहते हैं जब संविधान हमारा बन रहा था बाबा साहब का मानना था किसी समय यह सब जो है कि इसमें एंट्री कर दिया जाए बहुत लोगों का बाबा साहब से नाराज हो जाते थे ।
कांसेप्ट है वेल्थ का इक्वल डिस्ट्रीब्यूशन प्रॉपर्टी और पैसा लेकर बैठे हुए हैं और देश के जो 90% लोग हैं 99% लोग हैं उनके पास घर चलाने के लिए भी दिन-रात मेहनत करके भी नहीं जुड़ पाते ।
डा कंचना यादव ने अंबेडकर युवा मंच के कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि कहा कि यहां पर दूर-दूर तक जितने भी सामाजिक कार्यकर्ता सामाजिक सुधार बैठे हुए हैं । सामाजिक सुधारक है कोई भी संविधान को बदल नहीं सकता। । जब देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही हो जब एक तरफ मनुवाद को थोपने की लड़ाई चल रही हो मनुस्मृति को थोपने की लड़ाई चल रही हो और दूसरी तरह आप लोग संविधान दिवस मना कर संविधान को बचाने की लड़ाई कर रहे हैं। इसलिए आप सब सामाजिक कार्यकर्ता है और जितनी चेतना सबमें है। इसलिए संविधान को कोई बदल नहीं सकता।
संविधान दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.सुनील कुमार सुमन सहायक प्रोफेसर, हिंदी साहित्य विभाग महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र ने कहा – कि संविधान से किसका लाभ हुआ। संविधान से सबसे ज्यादा लाभ उन्हीं लोगों को मिला। संविधान के महत्व को समझते हुए, संविधान की बात करते हैं लेकिन इस तरह की आयोजन वे लोग नहीं करते। जो लोग संविधान का फायदा ले रहे हैं, वे संविधान के कार्यक्रम क्यों नहीं करते। संविधान ने सबको मौका दिया। स्कूल कॉलेज विश्वविद्यालय में सरकारी कॉलेज में फिल्म स्टेट इंडस्ट्रीज तथा खेल में लोक संघर्ष करके आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने खुद कहा मैं आज जो कुछ भी हूं संविधान की वजह से। विश्व आदिवासी दिवस पर चर्चा करते हुए सुमन ने कहा कि
संविधान दिवस पर चर्चा करते हुए कहा कि जो आज अटैक हो रहे हैं। जो लोग हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं। हिंदू राष्ट्रीय किसी धर्म की बात पर राष्ट्र बनाना ही गैर कानूनी है गैर संवैधानिक बात है क्योंकि यहां सारे धर्म के लोग रहते हैं क्योंकि धर्म विशेष से राष्ट्र बनाने की आप बात कर रहे हैं। हिंदू राष्ट्र की क्या स्थिति होगी। मिनी माता की चर्चा करते हुए कहा कि मिनीमाता यहां पर सांसद रही तो सिर्फ बाबा साहेब की वजह से। मनु स्मृति में कुछ लोगों की आगे बढ़ाने की बात है संविधान में सबको आगे बढ़ाने की बातहै। बाबा साहेब की जरूरत बहुजन समाज से ज्यादा स्वर्ण को है। सुमन ने कहा कि पिछले 75 साल में देश आगे बढ़ा लेकिन पिछले 11 12 साल में देश पीछे हो रहा है। संविधान को मानने वाले लोग एक भारत में। जो संविधान को खत्म करने की कोशिश में लगे हुए दूसरे भारत में। एक भारत संविधान को खत्म करना चाहता है। विश्व गुरु क्या होता है यह तो चेला बनने लायक भी नहीं है। लोकतंत्र के चार स्तंभ पर चर्चा की। लाल यादव ने सबसे पहले बिहार में बाबा साहेब के नाम से विश्वविद्यालय खोला था। लाल यादव ने कहा था कि बिहार में एक नहीं 10- 10 विश्वविद्यालय के नाम से खोले जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पर हमले को लेकर डॉ सुमन ने कहा कि आज देश में यह स्थिति है कि न्यायपालिका पर हमले हो रहे हैं तो देश की जनता का क्या होगा। चुनाव में लोग इन्वेस्ट करते हैं। डॉक्टर सुनील सुमन ने अपनी बात आगे बढ़ते हुए कहा कि एक पेड़ मां के नाम, मैं क्यों लगाऊं मैं पूरा बगीचा लगाऊंगा। मैं मां के नाम पूरा बगीचा लगाऊंगा। एक पेड़ मां के नाम और सारा जंगल बाजी अडानी के नाम। कितना भ्रम फैला रहे हैं। जनता समझ रही है यह खतरनाक समय है। छत्तीसगढ़ में एक समय में अदानी का आना होगा वह जंगल भी लूटेगा जमीन भीलूटेगा। आदिवासी यहां सबसे ज्यादा है फिर भी पांचवी अनुसूची कहां है।
संविधान दिवस के अवसर पर अंबेडकर युवा मंच के संस्थापक सदस्य दिवंगत सुरेश रामटेके की स्मृति में प्रतिभवान छात्र छात्राओं को खेल, शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले को बिरसा फूले अंबेडकर सम्मान भी प्रदान किया गया। अतिथियों ने मधुरिमा बर्मन – हॉस्टल सुपरिटेंडेंट, राका सोनी – हॉस्टल सुपरिटेंडेंट , श्रेया गोंड (S3ko) – एयरलाइन सर्विस बैंगलोर , अजीत कुजूर – बिल्हा ब्लॉक प्रेसिडेंट , प्रीति टंडन – लेक्चरर , गरिमा वाहने – 12th – 86% नीट रैंक- 1116 कॉलेज- ESIC बैंगलोर, निकिता खोबरागड़े – गोल्ड मेडलिस्ट M-tech , जयंत सोनवानी – एयरफोर्स , प्रवज्ज्या वाहने – धम्म ज्ञान परीक्षा , शाहरुख अली- आगाज़ इंडिया फाउंडेशन सोशल वर्क ब्लड, सरोज मांझी डाहिरे – टीचर मुख्यमंत्री अलंकरण पुरस्कार , दिनकर – सोशल वर्क , हीना खान – सोशल और हेल्थ , अखिल वर्मा – पत्रकारिता, राजेंद्र गायकवाड़ – साहित्य के क्षेत्र में बिरसा फूले अंबेडकर सम्मान प्रदान किया गया ।
अंबेडकर युवा मंच के द्वारा बिरसा फुले अंबेडकर सम्मान अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ बाबासाहेब अंबेडकर प्रतिमा स्थल मे आयोजित कार्यक्रम शाम 7.00 बजे से बच्चों के द्वारा सामूहिक गीत एवं भारतीय संविधान की प्रस्तावना की व्याख्या दी गई। बहुजन महापुरुषों के जीवन पर संघर्षों पर आधारित गीत की प्रस्तुति दी गई
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के वाचन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर अंबेडकर युवा मंच के सदस्य कपिल चौरे के द्वारा बाबासाहेब एवं संविधान पर गीत की प्रस्तुति दी गई एवं
“साक्षर से शिक्षित की ओर ईवनिंग क्लास” के छात्र द्वारा विशेष प्रस्तुति
। सविधान दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने में अंबेडकर युवा मंच के कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से संघमित्रा वाहने, वर्षा रामटेके, रश्मि नागदौने खोब्रागड़े , प्रज्ञा मेश्राम, तक्षशिला , महिमा पारेकर , नमिता अंबादे, नितेश अंबादे, कुणाल रामटेके, सागर हुमने, रत्नेश उके , मिलिंद खोब्रागड़े , देवेन्द्र मोटघरे, सुमित दामके, जावेद खान, राजा नंदेश्वर , सुनील जामुलकर, आकाश गणवीर , कपिल चौरे, सात्विक रामटेके, सरगम हुमने, शारदा चौहान, रेश्मि अहिरवार , अनुष्का देवांगन , पायल साहू , प्रवज्जया वाहने, प्रज्ञा बौद्ध , प्रतिभा कैंवर्त, संतोषी पटेल की अहम भूमिका रही |
कार्यक्रम को सफल बनाने में बौद्ध समाज के वरिष्ठ मार्गदर्शक हरीश वाहने , सुखनंदन मेश्राम ,नारायण राव हुमने, मगन गेडाम, अशोक वाहने, नरेंद्र रामटेके, एम.आर.बाम्बोडे, छेदीलाल मेश्राम, विनोद उके, मनोज बौद्ध, संतोष खोबरागड़े, जितेंद्र खोबरागड़े, मयंक मेश्राम, सारंग हुमने ,राजेश हुमने धर्मेंद्र टेंभूर्णेकर महेश चंद्रिकापुरे, प्रफुल गेडाम , कपिल डोंगरे , दिलीप मेश्राम , अविनाश ,आनंद, जयंत मेश्राम, राहुल , हर्षवर्धन रामटेके, शैलेश चंद्रिकापुरे, संजय राव ,शैलेश गजभिये, राजेश रामटेके,रामकुमार डहरिया राधेश्याम टंडन ,आलिमअंसारी ,आसिफ भाई ,जितेंद्र पाटले ,राजेश्वर सोनी, प्रभाकर ग्वाल, क्रांति साहू ,संतोष साहू, राजेश बंजारे ,रामबाबू बौद्ध, समाज अनुसूचित अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक महासंघ, अजाक्स के पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन संघमित्रा वाहने, देवेंद्र मोटघरे, मिलिंद खोबरागड़े प्रज्ञा मेश्राम एवं रश्मि नागदौने , द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन नितेश अंबादे द्वारा किया गया।

