प्रांतीय वॉच रायपुर वॉच

तिरछी नजर 👀 : पुराने दिनों को याद करते रहे दिग्गज…..…. ✒️✒️….

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राजधानी रायपुर सोहागा मंदिर में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल रमेश बैस अपने पार्षद जीवन से लेकर सासंद बनने तक के संस्मरणों को याद करते रहे। इसी कार्यक्रम में पूर्व मंत्री और सांसद बृजमोहन अग्रवाल अपने 42 साल पुराने छात्र जीवन के चुनाव गतिविधियों को याद करते रहे। छात्रसंघ चुनाव के दिनों में प्रदेश भर के छात्र नेताओं का ठहरने का और राजनीति करने का एक बड़ा केन्द्र बिन्दु सोहागा मंदिर ब्राम्हणपारा में रहा है। इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे सहित कई पुराने छात्र नेता भी राजनीति के बदलते स्वरुप को याद करते रहे।
परिवारवाद

छत्तीसगढ़ सरकार के कई मंत्री और विधायक, सांसद अपने परिवार के सदस्यों अपने निजी स्टाफ में रखकर काम चला रहे हैं। इन विधायक, सासंदों के ऊपर परिवारवाद का आरोप जोरदार तरीके से लग रहे हैं। राजनीति में अविश्वास दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इसलिए कार्यकर्ताओं की अपेक्षा परिवार के सदस्यों को ही अहम जिम्मेदारी देकर किचन कैबिनेट का मेंबर बना लिया गया है। राजनीति दल एक तरफ परिवार वाद का खुलकर विरोध कर रहे हैं। दूसरी तरफ, कामकाज संभालने की जिम्मेदारी परिवारों को ही दिए जा रहे हैं। नांदगांव और कवर्धा जिले के दो महिला विधायकों ने तो अपने पति को ही पूरा कामकाज सौंप दिया है। कमीशन का खेल इससे बड़ा हो गया है।

मंत्री के खिलाफ पदाधिकारियों
ने खोला मोर्चा

राज्य सरकार के एक मंत्री के खिलाफ गृह जिले के प्रमुख पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। मंत्री जी के खिलाफ शिकायत को लेकर जिले के पदाधिकारी पिछले दिनों कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचे, और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।
पदाधिकारियों की शिकायत यह है कि मंत्रीजी अपने विरोधियों के खिलाफ बदले की भावना से काम कर रहे हैं। मंत्रीजी के परिवार के लोग जिला पंचायत में है। वहां भी उन्होंने भी नाक में दम कर रखा है। मंत्रीजी के रवैये की वजह से जिले में पार्टी के दो गुट हो गये हैं । यहां प्रदेश के बड़े नेता बिहार से लौटने के बाद फिर बंगाल जाने की तैयारी कर रहे हैं। आने वाले समय में मंत्रीजी से नाराज चल रहे नेता खुलकर सामने आ सकते हैं।

एक और साहब का इलू-इलू

प्रदेश के एक एसपी के खिलाफ कई शिकायतें सामने आई है। इनमें से एक शिकायत प्रेम प्रसंग का भी है। आईजी आर.एल.डांगी तो इसी चक्कर में निपट गये। एसपी भी मुश्किल में घिर सकते हैं । हालांकि यह मामला सार्वजनिक नहीं हुआ है लेकिन पुलिस के प्रमुख अधिकारियों तक इसकी जानकारी पहुंच गयी है।
वैसे तो एसपी को सरकार के एक ताकतवर मंत्री का करीबी माना जाता है। मगर शिकायतें ऐसी है कि उन्हें लंबे समय तक पद पर बनाए रखने में दिक्कत हो रही है।मंत्री जी भी शिकायतों से परेशान है। ऐसे में देर सबेर उन्हें हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा पुलिस में कुछ और फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। यानी डीजीपी कांफ्रेस के बाद पुलिस की बड़ी लिस्ट निकल सकती है।

गृहमंत्री का कद बढ़ा

गृहमंत्री विजय शर्मा का भले ही दो विभाग ले लिया गया है लेकिन उनकी हैसियत में कोई कमी नहीं आई है। वो हाईकमान की पसंद बने हुए है। नक्सल और डीजीपी कांफ्रेस के चलते केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नियमित संपर्क में है । शाह का लगातार उन्हें मार्गदर्शन मिल रहा है।
विजय शर्मा भी अपना ज्यादातर समय बस्तर में दे रहे हैं। बस्तर की तमाम योजनाओं की मानिटंरिग कर रहे हैं। वो एक तरह से केन्द्रीय गृहमंत्री को सीधे अवगत करा रहे हैं। डीजीपी कांफ्रेस के चलते केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह .यहां रहेंगे और सीएम विष्णुदेव साय के अलावा विजय शर्मा ही उनके संपर्क में होंगे। ऐसे में आने वाले दिनों विजय शर्मा की ताकत और बढ़ सकती है

अफसरों के खिलाफ शिकायत

ईवोडब्ल्यू-एसीबी के खिलाफ कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन के आवेदन पर जिला विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है। कांग्रेस नेता ने तीन पुलिस अफसर जांच एजेंसी प्रमुख अमरेश मिश्रा, राहुल शर्मा, सीएस ठाकुर पर धारा 164 के बयान में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
पुलिस अफसरों की तरफ से दिल्ली से आए वकील रवि शर्मा और अन्य ने आरोपों को गलत ठहराया । यह भी कहा कि शिकायत खारिज करने योग्य है। देवांगन की तरफ से आरोपों को लेकर साक्ष्य भी पेश किए गये जिन्हें पुख्ता होने का दावा किया गया है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पिछले दिनों प्रेस कांफ्रेस लेकर तीनों अफसरों पर आरोप भी लगाए थे। प्रकरण पर 4 दिसंबर को सुनवाई होगी।

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