रायपुर। सहकारी कर्मियों की हड़ताल के बीच शनिवार से छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो रही है। राज्य शासन के इस महत्वाकांक्षी कार्य में व्यवधान खड़ा करने के आरोप में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित रायपुर ने प्रदेश के एक दर्जन से अधिक समिति प्रबंधकों को नौकरी से हटाते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया है। राज्य शासन की इस कार्रवाई से समिति प्रबंधकों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। राज्य शासन के कड़े रूख को देखते हुए समिति प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर और कर्मचारियों के काम पर लौटने की जानकारी मिल रही है।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में छत्तीसगढ़ के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन 15 नवम्बर 2025 से करने की तैयारी राज्य शासन द्वारा की जा रही है। छत्तीसगढ़ के 2058 पैक्स सोसाइटी के अधीन 2739 उपार्जन केन्द्रों में धान की खरीदी की जायेगी।
पैक्स समितियों के सहकारी कर्मचारी संघ तथा कंप्यूटर आपरेटर संघ चार सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। राज्य शासन के अधिकारियों द्वारा सहकारी कर्मचारी संघ तथा कम्यूटर आपरेटर संघ के मांग के संबंध में बातचीत की गई लेकिन हड़ताली कर्मचारियों ने काम पर लौटने से साफतौर मना कर दिया था
आदेश का उल्लंघन, इसलिए हुई कड़ी कार्रवाई
हड़ताल के चलते समितियों में लोकहित के कार्य धान खरीदी की तैयारी, रबी ऋण वितरण तथा पीडीएस आदि कार्य प्रभावित हो गया है। हड़ताली कर्मचारियों को काम पर लौटने के निर्देश दिये गये थे तथा सक्षम अधिकारी द्वारा कार्य पर उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया था। समिति प्रबंधकों तथा डाटा इंट्री आपरेटरों के कार्य पर उपस्थित नहीं हुए और न ही कोई लिखित जवाब दिया गया।
संचालक मंडलों के जरिए कड़ी कार्रवाई, एक दर्जन से ज्यादा समिति प्रबंधकों को किया बर्खास्त
समितियों के संचालक मंडल ने इसे गंभीर दुराचरण मानते हुए ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए सेवा से पृथक कर दिया है। 14 नवंबर 2025 को समिति के संचालक मंडल द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति छाती जिला धमतरी के प्रबंधक नरेन्द्र साहू, बोरतलाव समिति जिला राजनांदगांव समिति प्रबंधक ईश्वर श्रीवास, पैक्स सोसाइटी चांपा के प्रबंधक गोविंद नारायण मिश्रा, समिति प्रबंधक गठुला जिला राजनांदगांव किशुन देवांगन, सेवा सहकारी समिति लखनपुर के प्रबंधक चंद्रप्रताप सिंह की सेवा समाप्त कर दिया गया है। इस कार्यवाही से सबक लेते हुए प्रदेश के कई समिति प्रबंधक तथा कर्मचारीगण कार्य पर वापस हो रहे हैं।

