प्रांतीय वॉच रायपुर वॉच

Virendra Tomar Arrest : सूदखोर वीरेंद्र तोमर मप्र से गिरफ्तार, छोटा भाई रोहित अब भी फरार

Share this

राजधानी पुलिस (Raipur Crime Branch) ने सूदखोरी और जबरन वसूली के मामलों में फरार चल रहे कुख्यात सूदखोर वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी तोमर (Virendra Tomar Arrest) को आखिरकार मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया है। क्राइम ब्रांच और पुरानी बस्ती थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह बड़ी सफलता मिली है। पुलिस के अनुसार, वीरेंद्र और उसका छोटा भाई रोहित तोमर लंबे समय से फरार थे और दोनों के खिलाफ मारपीट, हत्या की कोशिश, ब्लैकमेलिंग, सूदखोरी (Loan Shark Case) और अन्य गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं।

जानकारी के मुताबिक, दोनों भाइयों के खिलाफ तेलीबांधा थाना क्षेत्र के एक कारोबारी ने मारपीट और धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद दोनों दो जून से फरार थे। पुलिस की लगातार दबिश के बावजूद दोनों गिरफ्तारी से बचते रहे और कानूनी पैंतरेबाजी में जुटे रहे। हाल ही में हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद रायपुर पुलिस ने इनकी तलाश तेज कर दी।

इस बीच, पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि वीरेंद्र तोमर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में छिपा हुआ है। इसके बाद एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह के निर्देश पर रायपुर से एक विशेष टीम ग्वालियर रवाना की गई। टीम ने तकनीकी निगरानी के माध्यम से वीरेंद्र की कॉल लोकेशन ट्रेस (Crime Branch Surveillance) की और घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

रिश्तेदार के घर से दबोचा गया आरोपी

सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने वीरेंद्र को ग्वालियर में उसके एक रिश्तेदार के घर से पकड़ा। फरारी के दौरान वह उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कई शहरों में लगातार ठिकाने बदलता रहा। हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसे गिरफ्तारी का डर सताने लगा था, जिसके चलते वह ग्वालियर जाकर छिप गया।

5-5 हजार रुपये का इनाम था घोषित

दोनों भाइयों की गिरफ्तारी पर एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने पहले ही पांच-पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। लंबे समय तक पुलिस को चकमा देने के बाद आखिरकार वीरेंद्र पुलिस के शिकंजे में आ गया। पुलिस अब उसके छोटे भाई रोहित तोमर की तलाश में दबिश दे रही है।

वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी तोमर के खिलाफ दर्ज केसों की सूची

2006: आजाद चौक में कारोबारी पर चाकू से हमला

2010: गुढियारी में मारपीट और उगाही

2013: हत्या का मामला

2015: अप्राकृतिक कृत्य की रिपोर्ट

2016: पुरानी बस्ती में मारपीट और धमकी

2017: महिला से मारपीट और जान से मारने की धमकी

2019: सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी, मारपीट और धमकी

2025: आर्म्स एक्ट की कार्रवाई

पुलिस का कहना है कि वीरेंद्र तोमर (Virendra Tomar Arrest Update) से पूछताछ में और भी कई संगठित अपराधों का खुलासा हो सकता है। वहीं, उसका भाई रोहित अब भी फरार है, जिसकी तलाश रायपुर पुलिस की विशेष टीम कर रही है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *