विश्व में अमन – शांति व भाईचारा बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन सम्पन्न।

कमलेश लवहात्रै ब्यूरो चीफ
छत्तीसगढ़
राजनांदगांव। डॉ भीमराव आंबेडकर का प्रथम शाला प्रवेश निमित्त पावन अवसर पर राजनांदगांव के शिवनाथ नदी तट, स्थित तपोभूमि ऑक्सीजन मोहरा में पांचवा राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन संपन्न हुआ।
सम्मेलन के प्रारंभ में देश व विदेश से आए धम्म गुरुओ ने मोमबत्ती प्रज्वलित कर अपनी अपनी मातृभाषा में पूजा वंदना कर सम्मेलन का शुभारंभ किए।
आयोजक भिक्खु धम्मतप ने सम्मेलन की तैयारी विगत कई महीनो से की थी इसके परिणाम स्वरूप इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के भी अनुयाई सम्मेलन में शामिल हुए।
गौरतलब है कि विश्व में बढ़ती हिंसा, मतभेद और असहिष्णुता के बीच वैश्विक स्तर पर अमन-शांति, भाईचारा और आपसी सदभाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज में राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। सम्मेलन में देश-विदेश के बौद्ध भिक्षुओं, विद्वानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और युवाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ परित्राण पाठ व दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। मुख्य वक्ताओं ने भगवान बुद्ध की अहिंसा, करुणा, मैत्री और मध्यम मार्ग की शिक्षाओं को वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में अत्यंत प्रासंगिक बताते हुए कहा कि आज दुनिया को शांति की सबसे अधिक आवश्यकता है और बौद्ध विचारधारा इसका प्रभावी समाधान प्रदान करती है।
बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करते
धम्म गुरुओ ने बौद्ध अनुयायियों से आह्वान किया कि वे करुणा, संवाद, सहिष्णुता और आपसी सम्मान की संस्कृति को अपनाएँ ताकि समाज में सकारात्मक परिवर्तन हो सके।
यदि समाज ध्यान, मैत्री भाव और करुणा को जीवन में अपनाए तो मानसिक तनाव, सामाजिक वैमनस्य और हिंसा स्वतः समाप्त हो सकती है।
बौद्ध सम्मेलन के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने विश्व शांति, भाईचारा और मानव एकता को बढ़ाने के लिए सामूहिक संकल्प लिया।
कार्यक्रम के दौरान बौद्ध संस्कृति से जुड़े कलाकारों द्वारा शांति संदेश पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। साथ ही बौद्ध साहित्य व कला प्रदर्शनी ने आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया।
आयोजक भिकखु धम्मतप ने कहा की इस प्रकार के सम्मेलन समाज में सकारात्मक संवाद स्थापित करते हैं और विभिन्न देशों एवं धर्मों के लोगों को जोड़ने का मंच प्रदान करते हैं।

