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रेरा ने दी सीख – मकान, फ्लैट खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

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रायपुर- छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने घर खरीदारों (Allottees) के हित में स्पष्ट किया है कि किसी परियोजना की विस्तार अवधि (Extension Period) और आधिपत्य तिथि (Possession Date) दोनों में अंतर होता है। रेरा ने कहा है कि परियोजना की अवधि बढ़ाए जाने का अर्थ यह नहीं है कि खरीदार को संपत्ति देने की निर्धारित तिथि भी बढ़ गई है।

रेरा के अनुसार रेरा अधिनियम 2016 का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पंजीकृत परियोजनाएं तय समय सीमा के भीतर पूरी हों और खरीदारों को समय पर उनका मकान या फ्लैट मिले।

क्या है परियोजना की वैधता अवधि

प्राधिकरण ने बताया कि परियोजना की वैधता अवधि वह होती है, जो प्रमोटर (Promoter) पंजीयन के समय घोषित करता है और जिसमें निर्माण कार्य पूरा करने का वादा करता है। यह अवधि रेरा अधिनियम की धारा 4(2)(स)(ब्) के तहत निर्धारित की जाती है।

क्या होती है आधिपत्य तिथि

आधिपत्य तिथि वह होती है जो खरीदार और बिल्डर के बीच हुए Agreement for Sale में स्पष्ट रूप से लिखी जाती है। यह वह दिन होता है जब खरीदार को फ्लैट या प्लॉट का वास्तविक कब्जा सौंपा जाना है।

प्रमोटर अगर तय समय में काम पूरा नहीं कर पाए तो?’

रेरा ने बताया कि यदि प्रमोटर समय पर निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाता, तो वह रेरा से परियोजना की वैधता अवधि बढ़ाने (Extension) की अनुमति ले सकता है। हालांकि, इस विस्तार का अर्थ यह नहीं है कि आधिपत्य की तिथि अपने आप आगे बढ़ जाएगी।

खरीदार क्या करें यदि कब्जा देर से मिले

रेरा ने कहा कि यदि प्रमोटर तय तिथि पर आधिपत्य नहीं देता, तो खरीदार रेरा में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। रेरा अधिनियम की धारा 18 के तहत खरीदार को ब्याज या धनवापसी का अधिकार प्राप्त है।

परियोजना विस्तार और आधिपत्य तिथि में अंतर

रेरा ने दोनों अवधारणाओं के बीच स्पष्ट अंतर को रेखांकित करते हुए बताया है कि परियोजना विस्तार का उद्देश्य निर्माण कार्य की पूर्णता सुनिश्चित करना होता है, जबकि आधिपत्य तिथि का उद्देश्य खरीदार को समय पर संपत्ति उपलब्ध कराना है।

प्राधिकरण ने घर खरीदारों से अपील की है कि वे Agreement for Sale में दी गई आधिपत्य तिथि को ध्यानपूर्वक पढ़ें और किसी भी प्रकार के भ्रम से बचें। यदि किसी खरीदार को तय तिथि पर कब्जा नहीं मिला है, तो वे रेरा पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं और ब्याज या धनवापसी का दावा कर सकते हैं।

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