रायपुर। नक्सल मुक्त अभियान में सरकार को बड़ी सफलता मिल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सवाद के खात्मे की जो टाइमलाइन बताई थी। वह अब पूरा होता नजर आ रहा है। सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों और सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे हैं। वहीं नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में भी कमी आई है
बता दें कि, सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 6 से घटकर 3 हो गई है। अब केवल बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जिले ही वामपंथी उग्रवाद (LWE) से सबसे अधिक प्रभावित हैं। नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी 18 से घटकर 11 रह गई है। सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक सशस्त्र नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त करना है।
इसके पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में माओवादी संगठन के केंद्रीय स्तर के सदस्य और पोलित ब्यूरो मेंबर भूपति उर्फ़ वेणुगोपाल राव उर्फ़ सोनू दादा ने करीब 60 माओवादियों के साथ हथियार समेत आत्मसमर्पण किया था। वहीं 1639 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण किया।