
कोरबा। छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा भूचाल उस समय आया जब भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने अपनी ही पार्टी की सरकार और प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठने का एलान किया। उनका आरोप है कि कोरबा कलेक्टर अजित बसंत को प्रदेश सरकार का संरक्षण प्राप्त है और वे “हिटलरशाही” तरीके से प्रशासन चला रहे हैं।
कलेक्टर पर गंभीर आरोप
ननकी राम कंवर ने कहा कि कलेक्टर अजित बसंत व्यक्तिगत दुश्मनी की वजह से कार्यकर्ताओं और नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। उनके आरोपों में शामिल हैं – राइस मिल और पेट्रोल पंप को सील करना, वरिष्ठ पत्रकार के घर को तोड़ना और सामान जब्त करना, स्व-सहायता समूह की महिलाओं के साथ अरबों रुपये की ठगी, मुआवजा घोटाले जिसमें वास्तविक भूविस्थापितों को मुआवजा नहीं मिला, डीएमएफ फंड का दुरुपयोग, टोल प्लाजा पर वाहन रोकने पर युवाओं को जेल भेजना, और अवैध रेत खनन व राखड़ परिवहन में मिलीभगत।
ननकी राम कंवर ने बताया कि उन्होंने इन मामलों को राज्य और केंद्र सरकार दोनों को शिकायत के रूप में भेजा। केंद्र सरकार ने जांच के लिए मुख्य सचिव और खनिज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे यह प्रतीत होता है कि कलेक्टर को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
तीन दिन का अल्टीमेटम
पूर्व गृहमंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर कलेक्टर कोरबा से नहीं हटाए गए, तो वे शासन और प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश संगठन, मुख्य सचिव और अन्य उच्च अधिकारियों को नोटिस भेजकर सूचना दे दी है।