रायपुर – छत्तीसगढ़ सरकार ने साय कैबिनेट विस्तार के बाद मंत्रियों के जिलों के प्रभार का बंटवारा कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने नए मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपते हुए आदेश जारी किए हैं, जिससे कई महत्वपूर्ण जिलों में प्रभार बदले गए हैं। राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में इस फेरबदल को लेकर चर्चा तेज है, क्योंकि इससे विकास योजनाओं और सुरक्षा उपायों पर नई रणनीति की उम्मीद जताई जा रही है।
आधिकारिक आदेश के अनुसार, आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के प्रभारों में बदलाव किया गया है, जिसमें तीन नए मंत्रियों को भी जिले सौंपे गए हैं। यह वितरण अगस्त में हुए कैबिनेट विस्तार के बाद आया है, जब तीन नए विधायकों—गजेन्द्र यादव, गुरू खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल—को मंत्री पद पर शपथ दिलाई गई थी। इससे कैबिनेट का आकार 14 सदस्यों तक पहुंच गया, जो राज्य विधानसभा के 90 सदस्यों के लिए अधिकतम सीमा है।
मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:
उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा को नक्सल प्रभावित बस्तर जिले का प्रभार सौंपा गया है। बस्तर में सुरक्षा और विकास कार्यों को गति देने के लिए यह नियुक्ति महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सरकार को उम्मीद है कि शर्मा की निगरानी में यहां चल रही योजनाओं को मजबूती मिलेगी।
शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव को राजनांदगांव जिले का प्रभार मिला है। यह जिला राजनीतिक रूप से संवेदनशील है, और यादव यहां विकास कार्यों के साथ प्रशासनिक गतिविधियों पर नजर रखेंगे। यादव को स्कूल शिक्षा, कुटीर उद्योग और विधि-विधायी कार्य विभाग भी सौंपे गए हैं।
मंत्री राजेश अग्रवाल को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले का प्रभारी बनाया गया है। यह अपेक्षाकृत नया जिला है, जहां बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस है। अग्रवाल को पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं एंडोमेंट विभाग दिए गए हैं।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र है, जहां सामाजिक न्याय और विकास पर जोर दिया जाएगा।
मंत्री गुरू खुशवंत साहेब को सक्ती जिले का प्रभार मिला है। साहेब को कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, रोजगार और अनुसूचित जाति विकास विभाग सौंपे गए हैं।