मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 85 करोड़ रुपये के कथित लोढ़ा डेवलपर्स ‘धोखाधड़ी’ मामले में पूर्व डायरेक्टर राजेंद्र एन लोढ़ा को गिरफ्तार किया है. हाल ही में राजेंद्र लोढ़ा ने अपने पद से इस्तीफा दिया था और कंपनी की एथिक्स कमिटी एक इंटरनल जांच भी कर रही थी.
आरोप है कि राजेंद्र एन लोढ़ा को कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर लोढ़ा डेवलपर्स से 85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है
यह मामला भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक, लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सामने आया.
राजेंद्र लोढ़ा पर 85 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
कंपनी ने अपने पूर्व निदेशक राजेंद्र नरपतमल लोढ़ा, उनके बेटे साहिल लोढ़ा और कई सहयोगियों पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, संपत्ति के दुरुपयोग और लगभग 85 करोड़ रुपये के आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया.
मुंबई के वर्ली इलाके से गिरफ्तारी की गई. बाद में उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 23 सितंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया.
राजेंद्र लोढ़ा लोढ़ा समूह के निदेशक थे. अब उन्होंने निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है. राजेंद्र लोढ़ा, मंगलप्रभात लोढ़ा के दूर के रिश्तेदार हैं और उन पर लोढ़ा समूह के साथ ही धोखाधड़ी करने का आरोप है. एफआईआर में कहा गया है कि राजेंद्र लोढ़ा ने लोढ़ा समूह के साथ 85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. यह बात सामने आई है कि राजेंद्र लोढ़ा ने कई जगहों पर जमीनें खरीदीं और लोढ़ा समूह के कई फ्लैट बेचकर चल संपत्ति अर्जित की.
जान से मारने की दी थी धमकी
राजेंद्र लोढ़ा पर मंगलप्रभात लोढ़ा के बेटे अभिषेक लोधा को जान से मारने की धमकी देने का आरोप है. लोढ़ा गुट द्वारा अपने खिलाफ कार्रवाई होने की भनक लगने पर राजेंद्र लोढ़ा ने अपने गुर्गे को अभिषेक लोढ़ा के पास भेजा था. इस गुर्गे ने धमकी दी थी कि वह एक आत्मघाती हमलावर है और अगर राजेंद्र लोढ़ा के खिलाफ कार्रवाई की गई तो वह तुम्हारे साथ अच्छा या बुरा करेगा. अब इन सभी मामलों में राजेंद्र लोढ़ा के खिलाफ कार्रवाई की गई.
लोढ़ा डेवलपर्स भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक है. कंपनी द्वारा राजेंद्र लोढ़ा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद यह कार्रवाई की गई है. पुलिस ने कहा कि ‘राजेंद्र लोढ़ा को केवल जमीन अधिग्रहण का अधिकार था, लेकिन उन्होंने कंपनी के स्वामित्व वाली संपत्ति को अवैध रूप से बेचकर अपने पद का दुरुपयोग किया. इसलिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.