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भूपेश बघेल को मिला प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने का नोटिस, दो साल पहले ही खाली कर दिया था सरकारी निवास

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रायपुर :छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने का नोटिस मिला है। यह नोटिस रायपुर नगर निगम ने दिया है। नोटिस के मुताबिक सरकारी निवास पाटन सदन पर 7 हजार रुपए से ज्यादा का टैक्स बकाया है। पूर्व सीएम कहते हैं कि जिस पाटन सदन को उन्होंने दो साल पहले खाली कर दिया था फिर भी उनको टैक्स का नोटिस आया है। बघेल ने कहा है कि वे सीएम की इच्छा पूरी करेंगे और इस टैक्स का भुगतान भी करेंगे।

कुनकुरी सदन भी लगेगा टैक्स  

भूपेश बघेल ने अपने एक्स हैंडल पर नगर निगम का नोटिस चस्पा किया है। उन्होंने लिखा है कि मैं माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी को 7258/- रुपए अदा करने का वचन देता हूं! वैसे तो शासकीय आवास में संपत्ति कर नहीं लगता, फिर भी जिस पाटन सदन को मैंने पौने दो साल पहले ही खाली कर दिया था, आज विष्णु देव सरकार ने मुझे नोटिस भेजा है।

मुझे बताया गया है कि मुझे 7258/- रुपए का भुगतान करना है। भले ही यह नोटिस अवैध हो लेकिन फिर भी मैं माननीय मुख्यमंत्री जी की इच्छा पूरी करूंगा। अच्छा है कि वे भी तैयार रहें क्योंकि उनकी सरकार कुनकुरी सदन का भी तो टैक्स मांगेगी!

4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रायपुर नगर निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने का नोटिस मिला है। इस नोटिस के अनुसार, पाटन सदन पर 7 हजार रुपए से अधिक का टैक्स बकाया है।

भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने पाटन सदन को दो साल पहले ही खाली कर दिया था, फिर भी उन्हें टैक्स का नोटिस मिला है। उन्होंने इसे अवैध बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इच्छा के अनुसार इस टैक्स का भुगतान करने का वचन दिया।

कांग्रेस ने इस नोटिस को साय सरकार की ओछी राजनीति करार दिया है। संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश बघेल ने पाटन सदन पौने दो साल पहले छोड़ दिया था, और ऐसे में सरकार का यह कदम पूर्वाग्रहपूर्ण है।

कांग्रेस ने इस कार्रवाई को विपक्षी नेता के खिलाफ राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित बताया है।

कांग्रेस ने साधा निशाना 

इस नोटिस पर कांग्रेस ने साय सरकार पर निशाना साधा है। संचार प्रमुख सुशील आनं शुक्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संपत्ति कर का अवैध नोटिस साय सरकार ने भेजा है। भूपेश बघेल पाटन सदन पौने दो साल पहले छोड़ चुके है। इसके बाद भी वहां का नोटिस भेजना सरकार का पूर्वाग्रह है। शुक्ला ने कहा कि शासकीय आवास में संपत्ति कर नहीं लगता फिर यह नोटिस क्यों। शुक्ला ने इसे ओछी राजनीति करार दिया है।

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