सरकार के एक मंत्री से पार्टी संगठन बुरी तरह खफा है। मंत्रीजी ने अपने विभाग में कुछ ऐसी नियुक्तियां कर दी है, जिससे पार्टी के नेता खफा हैं।
कैबिनेट में फेरबदल मंत्रीजी को थोड़ा झटका दिया गया था, लेकिन इसका कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा। यद्यपि भ्रष्टाचार को लेकर कुछ और मंत्रियों की तरह ज्यादा शिकायतें नहीं हैं लेकिन कार्यशैली पार्टी को पसंद नहीं आ रही है।
मंत्रीजी दिल्ली में अपने संपर्कों का काफी भरोसा है, और अड़कर अपना काम निकलवाने में सफल हो जा रहे हैं। चर्चा है कि मंत्रीजी पर लगाम लगाने के लिए कुछ किया जा सकता है। पार्टी क्या कदम उठाती है, यह देखना है।
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पूर्व संसदीय सचिव के तेवर
भाजपा के एक पूर्व संसदीय सचिव अपनी उपेक्षा से काफी नाराज़ हैं। मंत्रीजी कुछ कारोबारियों को लेकर दिल्ली में पार्टी से जुड़े कार्यक्रम में गए, तो उन्हें मंच पर जगह नहीं मिली। कारोबारियों का हाल तो और भी बुरा था उन्हें कार्यक्रम में कुर्सियां तक नहीं हुई।
बाद में रायपुर में फिर भी इसी तरह का मौका आया। पूर्व संसदीय सचिव, सीएम से मिलने हाऊस पहुंचे तो सुरक्षा कर्मियों ने उनका मोबाइल रखवा दिया। दिलचस्प बात ये है कि कारोबारी अपने संपर्कों के जरिए मोबाइल के साथ अंदर प्रवेश करने में सफल रहे। सीएम साब से चर्चा के दौरान पूर्व संसदीय सचिव ने बाद में उनसे अकेले चर्चा करने की बात कही। वो यह अहसास दिलाने की कोशिश कर रहे थे कि किसी पद पर न होने के बावजूद सरकार में उनकी धमक है। मगर कारोबारी तो समझ ही गए, मोबाइल अंदर नहीं ले जा पा रहे, तो धमक कितनी होगी।

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया..
आईएफएस के सबसे सीनियर अफसर 88 बैच के सुधीर अग्रवाल रिटायर हो गए। वो एक ईमानदार और कर्मठ रहे, बावजूद इसके शीर्ष पद पर नहीं आ पाए।
वो रायपुर के पुरानी बस्ती मोहल्ले के रहवासी हैं।छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया कहावत उन पर एकदम फिट बैठती है। अपने कैरियर में दबावों में नहीं आए, और न ही पद के लिए किसी के आगे पीछे हुए।
उन्होंने रमन सिंह सरकार के पहले कार्यकाल में ताकतवर मंत्री अमर अग्रवाल और विभागीय सचिव सीके खेतान से भिड़ गए थे। बताते हैं कि दोनों ही बीएसयूपी प्रोजेक्ट के एक ठेके को लेकर सुधीर अग्रवाल पर दबाव डाल रहे थे पद से हटना पसंद किया, लेकिन गलत काम मंजूर नहीं था
सुधीर के खिलाफ डीई भी हो गई, लेकिन भ्रष्टाचार को रोकने में सफल रहे। पीएमजीएसवाय के सीईओ रहते एक नेता पुत्र को आधे अधूरे काम के लिए भुगतान के लिए दबाव था। मगर सुधीर ने ऐसा करने से मना कर दिया।
नेता पुत्र के ससुर ने भी भारी दबाव बनाया। काम पूरा करने पर ही भुगतान शर्त की रख दी। ये अलग बात है कि नेता पुत्र के ससुर इन दिनों ईडी की गिरफ्तारी के भय से भागे भागे फिर रहे हैं। सरकार ने भले ही सुधीर को वो नहीं दिया, जिसके हकदार थे। फिर भी बिना किसी शिकायत के ईमानदार छत्तीसगढ़िया होने का फर्ज निभाया।
ड्रग्स धंधे में पूर्व विधायकों के परिवार का नाम..
ड्रग्स मामले में गिरफ्तार लड़कियों ने कई राज खोल दिये हैं। इसमें सरगुजा संभाग के एक पूर्व मंत्री के पुत्र और दो पूर्व विधायक के पुत्रों के नाम आ रहा है। इसी तरह दुर्ग संभाग के दो पूर्व विधायक के परिवार के नाम भी मोबाईल काल में दिख रहा है।
कई बड़े राजनेता के पुत्र का भी नाम की चर्चा राजनीतिक गलियारे में है। एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के परिवार के भी नाम की चर्चा है। रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा और इंटिलिजेंस चीफ अमित कुमार की सक्रियता के चलते बड़े मामले का खुलासा लगातार हो रहा है। कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों पर भी देर सबेर गाज गिर सकता है।
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गुरु -शिष्य में भिड़ंत..
पिछले दिनों गुरू व शिष्य के बीच एक रोचक मामला सामने आया है। गुरूजनों ने शिष्य के विधायक और फिर ताकतवर मंत्री बनने पर काफी खुश रहे। पिछले दिनों उत्साह में मंत्री से समय मांग लिया। मंत्री ने बिना देर किए मुलाकात के लिए से समय भी दे दिया। जब मंत्री के बंगले में मिलने खुशी-खुशी वहां पहुंचे तो पता लगा मंत्रीजी व्यस्त है।
भारी मशक्कत के बाद शिक्षकों की पांच घंटे के बाद अपने शिष्य मंत्री से मुलाकात हो पाई।इस मुलाकात के दौरान शिक्षकों ने अपनी कुछ पुरानी और जायज मांग भी रखते हुए आवेदन दे दिया। मामले को मंत्री ने गंभीरता से समझा भी बाद में पता लगा कि कोई फैसला होने के पहले हाईकोर्ट में सरकार ने केवियेट दायर कर दिया । गुरूजन अपने शिष्य मंत्रीजी से भारी नाराज हैं।
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नई सड़क बनवाने की कवायद..
नया रायपुर से अभनपुर जाने के लिए एक नया सड़क बनाया जा रहा है। इसके लिए टेंडर भी जारी हो गया है।
बताया जाता है कि सत्तारुढ़ दल के प्रभावशाली माने जाने वाले नेताओं ने सड़क निकालने का प्रस्ताव दिया था। इस नये सड़क निर्माण के पहले ही नेताओं ने कई सौ एकड़ जमीन खरीद लिया था। अब इस रास्ते के दोनों तरफ जमीनों का रेट आसमान छूने लगा है। इस नये मार्ग का कई लोगों ने विरोध भी किया लेकिन प्रभावशाली लोगों के सक्रियता के चलते नया रायपुर में लाभ पाने का खेल अधिक चल रहा है।
रोज नई कहानी
ड्रग्स कांड में दो लड़कियों की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों के धनाढ्य परिवारों के नौजवानों में भय व्याप्त है। मीडिया में रोज नई कहानी सामने आ रही है। हर कहानी में एक बात बार-बार आ रही है कि पुलिस शीघ्र ही बड़े लोगों पर कार्रवाई करेगी। इससे भय और बढ़ रहा है। हफ्तों बीत गए लेकिन कार्रवाई का अता-पता नहीं है। इस कारण दबी ज़ुबान में चर्चा हो रही है कि बड़े लोग ‘भयमुक्त ‘ कर दिए गए हैं। मीडिया में इस तरह के हल्ले-गुल्ले का अच्छा प्रतिसाद मिला है।
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