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चौबे के बयान पर कांग्रेस में गरमागरमी

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दुर्ग और जगदलपुर जिलाध्यक्ष आपस में भिड़े, बैज ने कहा-मुझे कमजोर न समझें

रायपुर । कांग्रेस में बुधवार को पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे के पिछले दिनों नेतृत्व को लेकर दिए गए बयान के मसले पर जिलाध्यक्ष आपस में भिड़ गए। जगदलपुर जिलाध्यक्ष सुशील मौर्य और दुर्ग ग्रामीण जिलाध्यक्ष राकेश ठाकुर के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत को हस्तक्षेप करना पड़ा। बाद में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने चौबे के बयान का जिक्र किए बिना कह दिया कि उन्हें कमजोर न समझा जाए, वो जवाब दे सकते हैं।

राजीव भवन में पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने को लेकर जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक शुरू होते ही जगदलपुर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील मौर्य ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के जन्मदिन के मौके पर पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे के बयान का जिक्र छेड़ दिया। चौबे ने कहा था कि भूपेश को कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए।

मौर्य ने चौबे के बयान को अनुशासनहीनता बता दिया, और कहा कि इससे कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। इस पर दुर्ग ग्रामीण जिलाध्यक्ष राकेश ठाकुर पिल पड़े। उन्होंने मौर्य से पूछ लिया कि श्री चौबे के बयान में गलत क्या है? जब भी किसी के कार्यक्रम में जाते हैं तो स्वाभाविक तौर पर उनकी तारीफ की जाती है। भूपेश बघेल, बड़े नेता हैं, और श्री चौबे ने उनकी तारीफ की थी। ठाकुर ने आगे कहा कि वो खुद इस कार्यक्रम में मौजूद थे

दुर्ग ग्रामीण जिलाध्यक्ष ने कहा कि पहले जन्मदिन कार्यक्रम का वीडियो भाजपा ने जारी किया, और उसी बात को हम लोग उठाकर भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि इस मामले पर श्री चौबे का बयान भी आ चुका है। इसके बावजूद विवाद खड़ा करना उचित नहीं है।

इस पूरे मामले में अंबिकापुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने हस्तक्षेप कर चौबे के बयान का जिक्र किया तो, राकेश उन पर भी भडक़ गया। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि उनका मुंह न खुलवाया जाए, किसने क्या कहा, ये सारी बातें कह सकते हैं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरण दास महंत ने हस्तक्षेप कर सबको शांत कराया, और कहा कि सबके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने चौबे के बयान का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें कमजोर न समझा जाए, वो हर किसी का जवाब दे सकते हैं।

बैठक में 9 सितंबर को बिलासपुर में प्रदेश स्तरीय वोट चोर गद्दी छोड़ कार्यक्रम को सफल बनाने की रूपरेखा तैयार की गई।

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