पंजाब के सन्नौर विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई एक महिला द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर की गई है, जिसमें विधायक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हरमीत सिंह पठानमाजरा 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में सन्नौर सीट से भारी मतों से जीते थे।
हालांकि पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन उनके करीबी सहयोगियों ने पुष्टि की है कि आप विधायक को हरियाणा के करनाल में गिरफ्तार किया गया और पटियाला पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। सूत्रों ने बताया कि पठानमाजरा के खिलाफ सोमवार शाम भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हां, उन पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। शिकायत की पहले जांच चल रही थी।” वहीं एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने खुलासा किया कि 26 अगस्त को संबंधित महिला ने एक नई शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विधायक ने शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया।
सत्ताधारी पार्टी के विधायक पठानमाजरा पहले भी विवादों में रह चुके हैं। 2022 में उनकी दूसरी पत्नी गुरप्रीत कौर ने उन पर पहली शादी छिपाने और मारपीट का आरोप लगाया था। इसके अलावा, एक कथित अश्लील वीडियो के वायरल होने के बाद भी वे सुर्खियों में रहे थे।
अपनी ही पार्टी पर भड़के विधायक
हाल ही में, पठानमाजरा ने अपनी ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए बयान दिए थे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाया और नदी की सफाई के मुद्दे पर वरिष्ठ नौकरशाहों की आलोचना की थी। इसके बाद सोमवार को पठानमाजरा ने दावा किया था कि उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस कार्रवाई का अंदेशा था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कल ही अपने सुरक्षाकर्मियों से कह दिया था कि उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। दिल्ली के (आप के) नेता सोचते हैं कि वे मुझे सतर्कता (कार्रवाई) या प्राथमिकी से डरा सकते हैं – लेकिन मैं कभी नहीं झुकूंगा। मैं अपने लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहूंगा।’’ उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से ‘‘आलाकमान के दबाव’’ से ऊपर उठने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरा पंजाब आपके साथ खड़ा है। पंजाब के साथ एक आदमी की तरह खड़े रहिए, और हर विधायक आपका समर्थन करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं 1992 से राजनीति में हूं। मैं अपने लोगों को छोड़ने के लिए यहां नहीं हूं। यहां तक कि ‘चौकीदार’ की तैनाती के लिए भी हमें दिल्ली की मंज़ूरी लेनी पड़ती है, जो अस्वीकार्य है। पंजाब के विधायकों को अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुननी चाहिए और पंजाब के साथ खड़ा होना चाहिए।’’

