भारतीय जनसंपर्क सोसाइटी (PRSI) ने हाल ही में रूसी संचार परामर्श संघ (AKOC) के सहयोग से भारत-रूस जनसंपर्क और मीडिया सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत और रूस के बीच पेशेवर बंधनों को मजबूत करना, ज्ञान साझा करना, कौशल विकास और जनसंपर्क में सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना था।
मुख्य आकर्षण:
– द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना: PRSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजीत पाठक ने इस सहयोग के महत्व पर जोर दिया, जिसमें भारत के “वसुधैव कुटुंबकम” के दर्शन का उल्लेख किया गया, जिसका अर्थ है कि पूरा विश्व एक परिवार है।
– जनसंपर्क की भूमिका: विशेषज्ञों ने राष्ट्रों, सामाजिक संस्थानों और समुदायों के बीच रचनात्मक संबंध बनाने में प्रभावी पेशेवर संचार के महत्व पर चर्चा की।
– ब्रांड कूटनीति: आंद्रे बराननिकोव ने भारत-रूस साझेदारी में जनसंपर्क की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग की संभावना पर प्रकाश डाला गया।
– आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: मिखाइल मासलोव ने उल्लेख किया कि AI जनसंपर्क में वैश्विक स्तर पर सोचने, कार्य करने और सहयोग करने के तरीके को बदल देगा, न कि मानव रचनात्मकता को प्रतिस्थापित करेगा।
– गलत सूचना का मुकाबला: प्रो. तनु डंग ने AI के युग में स्मार्ट PR के महत्व पर जोर दिया, जिसमें कहानी कहने और सांस्कृतिक राजदूतों की आवश्यकता पर बल दिया गया।
सम्मेलन के परिणाम:
– सहमति पत्र: PRSI और AKOC ने जनसंपर्क में ज्ञान साझा करने, कौशल विकास और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक MoU पर हस्ताक्षर किए।
– पेशेवर विकास: सम्मेलन ने पेशेवरों को रणनीतिक संचार में अंतर्दृष्टि, सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभव साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
– सांस्कृतिक आदान-प्रदान: इस कार्यक्रम ने भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक बंधनों को बढ़ावा दिया, जिसमें लोगों से लोगों की कूटनीति के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
आयोजक:
– भारतीय जनसंपर्क सोसाइटी (PRSI): भारत के जनसंपर्क और संचार पेशेवरों के लिए 66 वर्ष पुरानी शीर्ष संगठन।
– एसोसिएशन ऑफ पब्लिक रिलेशन कंसल्टेंट कंपनियां (AKOS): रूस में संचार और जनसंपर्क को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक विशेषज्ञ मंच।