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छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में करोड़ों का घोटाला! EOW ने दाखिल किया 2000 पन्नों का चालान

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रायपुर।  पाठ्य पुस्तक निगम में 15 साल पुराने करोड़ों के मुद्रण घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने वर्ष 2009-10 के दौरान हुए इस घोटाले में निगम के तत्कालीन अधिकारियों और प्रिंटिंग एजेंसियों के खिलाफ 2000 पन्नों का चालान विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत में पेश किया है।

जांच में सामने आया है कि क्लास 3 और 4 के लिए एमजीएमएल कार्ड्स की छपाई में निविदा नियमों की अनदेखी कर दो प्राइवेट कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

प्रबोध एंड कंपनी (रायपुर) को हिंदी और गणित के 8000-8000 कार्ड्स के लिए ₹3.82 करोड़ का भुगतान

छत्तीसगढ़ पैकेजर्स (भिलाई) को पर्यावरण कार्ड्स छपाई के लिए ₹2.04 करोड़ का भुगतान
कुल भुगतान – ₹5.87 करोड़, जबकि वास्तविक देय राशि – केवल ₹1.83 करोड़
₹4.03 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान “डाई कटिंग” जैसे कार्यों की आड़ में किया गया
TDS और सेवा कर काटने के बाद भी ₹3.61 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी

 इन अधिकारियों और मुद्रकों पर चला कानूनी शिकंजा:

1. सुभाष मिश्रा – तत्कालीन महाप्रबंधक

2. संजय पिल्ले – उप प्रबंधक (मुद्रण तकनीशियन)

3. नंद गुप्ता – मुद्रक, छत्तीसगढ़ पैकेजर्स प्रा. लि.

4. युगबोध अग्रवाल – मुद्रक, प्रबोध एंड कंपनी प्रा. लि.

एक आरोपी पर कार्रवाई बाकी:

जोसफ मिंज (सेवानिवृत्त प्रबंध संचालक) के खिलाफ भी जांच पूरी हो चुकी है, अभियोजन स्वीकृति मिलते ही CrPC की धारा 173(8) के तहत अलग से चालान पेश किया जाएगा।

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