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आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता’: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने प्रधानमंत्री मोदी को दी बधाई

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‘आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता’: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने प्रधानमंत्री मोदी को दी बधाई

शहरी विकास, भूमि विवाद, ऊर्जा और आवास योजनाओं पर प्रधानमंत्री से की विस्तृत चर्चा

बिलासपुर। भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री और बिलासपुर लोकसभा सांसद तोखन साहू ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हाल ही में सफल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर प्रधानमंत्री को बधाई दी और उनके निर्णायक नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश की “आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता” नीति का सशक्त उदाहरण है और भारत की अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा में सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बैठक में शहरी विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि देश में अराजक शहरी विस्तार एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि जन परिवहन आधारित विकास को प्राथमिकता देकर और मिश्रित-प्रयोजन योजना को बढ़ावा देकर इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। साहू ने शोधों का हवाला देते हुए कहा कि इस नीति से निजी वाहन उपयोग में 20 से 50 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है, जिससे शहरी भीड़भाड़ घटेगी और सतत विकास को बल मिलेगा।

‘सूर्य गृह’ योजना को PMAY से जोड़ने का प्रस्ताव

बैठक में ‘प्रधानमंत्री सूर्य गृह मुफ्त बिजली योजना’ को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) से जोड़ने का मुद्दा भी सामने आया। मंत्री साहू ने प्रस्ताव दिया कि योजना के तहत निर्मित सभी आवासों में निःशुल्क बिजली सुविधा सुनिश्चित की जाए। इससे लाभार्थियों को ऊर्जा दक्ष आवास मिलेंगे, बिजली की लागत घटेगी और सरकार की सब्सिडी आधारित लघु ऋण योजनाओं का लाभ भी अधिक लोगों तक पहुंच सकेगा। यह पहल कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में भी सहायक होगी।

भूमि विवादों और वनग्रामों में रह रहे नागरिकों का मुद्दा उठाया

राज्य मंत्री साहू ने प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ की स्थानीय और जमीनी समस्याओं से भी अवगत कराया। उन्होंने विशेष रूप से “बड़े झाड़ के जंगल” से लगे क्षेत्रों का उल्लेख किया, जहां कई परिवार दो से तीन पीढ़ियों से रह रहे हैं, परंतु उनके पास वैध भूमि स्वामित्व नहीं है। इस कारण वे सरकारी योजनाओं जैसे PMAY का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं और उन्हें अतिक्रमी मानकर बेदखली का खतरा बना रहता है। इन बस्तियों में बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं।

उन्होंने बताया कि वन अधिकार अधिनियम 2006 में हाल ही में किए गए संशोधन इन निवासियों को कानूनी स्वामित्व प्रदान करने में सहायक होंगे। साथ ही, उन्होंने गैर-महत्वपूर्ण वन भूमि के बेहतर प्रबंधन, दस्तावेजीकरण प्रक्रिया में सरलता, और वन विभाग व शहरी विकास एजेंसियों के बीच समन्वय पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने दिया सहयोग का भरोसा

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी बिंदुओं पर गहनता से चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य शहरी जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना, क्षेत्रीय विषमताओं को कम करना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक पीछे न छूटे।

केंद्रीय मंत्री साहू ने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और सबका साथ, सबका विकास की भावना को साकार करने की प्रतिबद्धता के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन ही भारत को समावेशी, टिकाऊ और सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रेरित करता है।

 

 

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