रायपुर – नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे और आयुक्त श्री विश्वदीप ने नगर निगम जोन 5 और जोन 6 के क्षेत्र के अंतर्गत प्रोफेसर कॉलोनी, परशुराम नगर, कुकरीपारा एवं अन्य स्थानों में विगत रात्रि लगातार बारिश के बाद आई जलभराव की समस्या का व्यवहारिक तकनीकी पहलुओं पर गंभीरता के साथ विचार कर गन्दे पानी की सुगम निकासी का प्रबंधन शीघ्र जलभराव क्षेत्रों में जनहित में जनस्वास्थ्य सुरक्षा को दृष्टिगत रखकर नया नाला शीघ्र बनाने तकनीकी सर्वे कर प्रस्ताव देने के निर्देश नगर निगम जोन 5 और जोन 6 के अधिकारियों को दिए हैँ.
आज महापौर और आयुक्त के निर्देश पर नगर निगम के अधीक्षण अभियंता श्री राजेश राठौर ने जोन 6 कार्यालय पहुंचकर जोन 5 जोन कमिश्नर श्री खीरसागर नायक, जोन 6 जोन कमिश्नर श्री हितेन्द्र यादव, पण्डित वामनराव लाखे वार्ड के पार्षद श्री बब्बी सोनकर, कार्यपालन अभियंता श्री लाल महेन्द्र प्रताप सिंह, श्री अतुल चोपड़ा, श्री दिनेश सिन्हा,श्री अंशुल शर्मा जूनियर, सहायक अभियंता सर्वश्री शैलेन्द्र पटेल, नागेश रामटेके, आशीष श्रीवास्तव, उप अभियंताओं की उपस्थिति में बैठक लेकर प्रोफेसर कॉलोनी, परशुराम नगर, कुकरीपारा एवं अन्य जलभराव क्षेत्रों में गन्दे पानी की सुगम निकासी हेतु तकनीकी पहलुओं पर जोन 5 और जोन 6 के सभी अभियंताओं के साथ विचार किया गया.
वार्ड पार्षद श्री बब्बी सोनकर ने जल भराव की समस्या का समाधान शीघ्र करने के सम्बन्ध में सुझाव दिए. जलभराव की समस्या के तत्कालीन समाधान पर जोन 5 और जोन 6 के अभियंताओं ने तकनीकी दृष्टिकोण से गहन विचार किया और सम्बंधित जलभराव क्षेत्रों में गन्दे पानी के बहाव की दिशा की जानकारी लेकर समाधान की दिशा में शीघ्र कार्य करने आवश्यक विचार -विमर्श किया गया.
बैठक में इसके साथ ही रिंग रोड और अशोक लीलेण्ड आदि विभिन्न पॉइंट्स पर फोकस कर कार्य करवाकर जलभराव की समस्या का तत्कालीन समाधान करने के सम्बन्ध में आवश्यक चर्चा और विचार किया गया.
अधीक्षण अभियंता श्री राजेश राठौर ने जोन कमिश्नरों और कार्यपालन अभियंताओं को महापौर श्रीमती मीनल चौबे और आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देशानुसार नगर निगम जोन 5 और जोन 6 के जलभराव क्षेत्रों में शीघ्र अच्छी निकास व्यवस्था कायम करने तकनीकी प्रस्ताव भौतिक सर्वे कर बनाते हुए सक्षम स्वीकृति लेने मुख्यालय में शीघ्रता से भेजे जाने कहा है, ताकि शीघ्र जलभराव की समस्या का शीघ्र समाधान करने आवश्यक तकनीकी कार्यवाही प्राथमिकता से की जा सके.