राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ अपने विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा
बिलासपुर/यु मुरली राव।8वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) के गठन में देरी 8 वें केंद्रीय वेतन आयोग के बारे में घोषणा भारत सरकार द्वारा जनवरी 2025 में की गई थी, जबकि आयोग का औपचारिक गठन अभी भी प्रतीक्षित है। 01 जनवरी 2026 से प्रभावी वेतन, भत्ते और अन्य लाभों के संशोधन में अत्यधिक देरी। अपूरणीय वित्तीय घाटा, विशेष रूप से भत्तों में, जिन्हें आमतौर पर पूर्वव्यापी रूप से संशोधित नहीं किया जाता है 2. समान स्थिति वाले गैर-याचिकाकर्ता कर्मचारियों को न्यायिक राहत का विस्तार न करना। 3 एनपीएरा/यूपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली।

समूह बीमा की राशि न्यूनतम 20 लाख रुपये होनी चाहिए। देश के सभी राज्यों के कर्मचारियों को उनकी संपूर्ण सेवा अवधि में पांच पदोन्नति सुनिश्चित की जाए। मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर बिना किसी शर्त के तत्काल अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
कर्मचारियों के हित में सर्वोच न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों को पूरे देश में लागू किया जाए। सरकारी विभागों की संस्थाओं का निजीकरण बंद किया जाए।
सभी राज्यों में आउटसोर्स ठेका प्रणाली और संविदा भर्ती बंद की जाए और नियमितीकरण किया जाए। सभी विभागों में रिक्त पदों को भरकर नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाय।
उक्त मांगे बिलासपुर जिलाधीश को देश के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।