भाजपा, सरकार और आरएसएस में समन्वय करने के लिए एक निगम के अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। दरअसल, आर एसएस के 20 से अधिक अनुषांगिक संगठन है । रमन सिंह सरकार के समय ये सब जिम्मेदारी विवेक सक्सेना संभालते थे । इस सरकार में अभी तक आरएसएस और सरकार के बीच तालमेल के उपयुक्त की तलाश की जा रही थी। वह पूरा हो गया। भाजपा संगठन के करीबी निगम अध्यक्ष को बकायदा एक महत्वपूर्ण जगह कमरा आबंटित कर दिया गया है। सिफारिशों के बाद काम करने के लिए सरकार के अफसरों को दिशा निर्देश भी देने लगे हैं।
आईपीएस अफसरों में दिल्ली जाने की होड़
नक्सली प्रभावित बस्तर में अच्छा काम करने वाले एक अफसर भी केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। नारायणपुर एसपी ने कई बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस वजह से सरकार उन्हें प्रतिनियुक्ति में जाने देने में हिला-हवाला कर रही है। सारंगढ़ जिला के एसपी भी प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने का प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार में दो आईपीएस अफसरों के आवेदन के बाद दो जिलों में एसपी बदले जाने की चर्चा है। एक और जिले के एसपी के खिलाफ कई प्रकार की शिकायत मिली है। कई अच्छे आईएएस अफसर भी दिल्ली जाने की तैयारी में है। दिल्ली जाने वाले ज्यादातर अफसर एक मंत्री ही के विभाग में ज्यादा काम किए हैं।
कानून कब बनेगा…
प्रदेश की भाजपा सरकार दो महत्वपूर्ण मुद्दे धर्मान्तरण और गौ-तस्करी को लेकर बैठक पर बैठक ले रही है। चुनावी मुद्दा बनाने की जोर-शोर से कोशिश हो रही है। आए दिन गृहमंत्री विजय शर्मा का बयान देते रहते हैं कि धर्मान्तरण के लिए कठोर कानून बनाया जायेगा। गौ तस्करी को रोकने वाले को बक्शा नहीं जाएगा लेकिन कानून बनाने में विलंब के चलते संघ और भाजपा के प्रमुख नेता भी नाराज है। संसाधन नहीं है, इसलिए सरकार फिलहाल बयानबाजी से काम चला रही है। राज्य सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि विधानसभा में कानून बनाने की तिथि कब मिलेगी। तारीख पर तारीख देने से बजरंग दल सहित कई संगठन नाराज हैें।
नकटी में किसकी होगी जीत
धरसींवा विधानसभा के ग्राम नकटी (सम्मानपुर) में विधायकों की कालोनी भाजपा के अंदरूनी राजनीति का शिकार होती जा रही है। विधायकों के कालोनी बनाने के खिलाफ सांसद बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व विधायक देवजी पटेल,क्रांति सेना के अमित बघेल ने मोर्चा खोल दिया है। सरकार विधायक कालोनी बनाने अड़ी हुई है। देखते हैं किसकी जीत होती है। धरसींवा के औद्योगिक क्षेत्र में भी भाजपाईयों के बीच कब्जे की अलग चल रही है।
आईएफएस के इस्तीफे से हलचल
आईएफएस के वर्ष-06 बैच के अफसर अरूण प्रसाद पी ने अचानक नौकरी से इस्तीफा दिया, तो काफी हलचल मच गई। प्रसाद ऐसे अफसर हैं जो कि हमेशा मलाईदार पद पर रहे हैं। कांग्रेस सरकार में भी प्रसाद काफी पावरफुल थे। सीएसआईडीसी एमडी के अलावा राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव पद पर भी रहे हैं। भाजपा सरकार आने के बाद भी मंडल का दायित्व बना रहा। नौकरी छोड़ने के पीछे एक चर्चा है कि भाजपा के एक पदाधिकारी ने उनके खिलाफ गंभीर शिकायत की थी। कहा जा रहा है कि वो देर सबेर जांच में गिर सकते हैं। यही नहीं, सीएस आईडीसी के टेंडर को लेकर भी पुरानी फाइल खोली जा रही थी।अब ऐसे में आने वाला समय उनके लिए मुश्किलों भरा हो सकता है। ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया। फिलहाल इस्तीफा स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार को भेज दिया गया है।आने वाले दिनों में क्या होता है, यह तो बाद में पता चलेगा।
नगर निगम में खरीदी
रायपुर नगर निगम में फिटकरी,फिनाईल और गुड़ की खरीदी हो रही है। कांग्रेस शासन काल में तत्कालीन मेयर के हिसाब से सब खरीदी होती थी, लेकिन इस बार व्यवस्था बदल गई है।
बताते हैं कि नए सप्लायर को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। पुराने सप्लायर खामियां ढूंढ रहे हैं। जैसे कोई बात सामने आती, तो सामान्य सभा में प्रमुख मुद्दा होगा।