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संतोष सावंत सोनू सूद के आगामी फिल्म में करेंगे काम,,मेहनत लाई रंग

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ब्यूरो वॉच :रोशन वर्मा:(सारंगढ़ बिलाईगढ़):- सारंगढ़ हरदी में जन्मे रायगढ़ में पले बढ़े पढ़े लिखे संतोष सावंत का कहना है ” सफलता एक दिन में नहीं मिलती लेकिन एक दिन अवश्य मिलती है बस निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए “| हमारे सारंगढ़ के बहुमुखी प्रतिभावान कलाकार संतोष सावंत जी जो कि गायन,लेखन और संगीत संयोजन के क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ते हैं | नई जानो का बीमारी हे मोला, ए भौजी बिहा मोरो तैं करा दे वो, तोला दुर्गा कहौ कि माँ काली,नाच दुलादुल,जैसे अनेक सुपर डुपर हिट गानों के गीतकार एवं संगीतकार संतोष सावंत के संघर्ष की कहानी किसी फ़िल्म की कहानी से कम नहीं लगती | बचपन से डांस गीत संगीत के प्रति गहरी लगाव रखने वाले हरदी में जब भी आते तो अपने प्रिय जानो भेट मुलाकात कर अपने नए नए गानों को सुनते टेप रिकॉर्डर से अपने गानों को रिकॉर्ड करते और पुराने गानों को सुन रियाज करते और छालीवुड में भी अपना जगह बनाने के लिए बहुत प्रयास किए किंतु किसी ने उनका स्पोर्ट नहीं किया लेकिन संगीत के प्रति आस्था और लग्न ने इस कलाकार के अथक प्रयास ने आज इनको बॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री तक पंहुचा दिया है |

कोरोना काल में देश भर में लोगों की मदद करने वाले बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने संतोष सावंत को अपने आने वाले होम प्रोडक्शन की फ़िल्म में ब्रेक दिया है और लगातार स्थायी रूप से उनके होम प्रोडक्शन में रहकर आगे आने वाले फिल्मों में कार्य करने की सलाह दी है | कोरोना काल में गरीबों के मसीहा कहलाने वाले सोनू सूद के बारे में संतोष कहते है कि वो एक महान इंसान हैं | पिछले पांच सालों से लगातार सोनू सूद से संपर्क बनाए रखने और मुम्बई जा जा कर उनसे मिलते रहने के बाद आखिर कार सोनू सूद जी भी समझ गए कि यह लड़का बहुत मेहनती और प्रतिभावान है और संतोष सावंत को अपने साथ रहने और काम करने को कहा | सोनू सूद द्वारा संतोष को उनके जीवन घर परिवार के बारे में पूछे जाने पर सावंत ने बताया कि वो गीत, कहानी, स्क्रिप्ट लिखते हैं, गायन और डायरेक्शन भी करते हैं, बहुत पहले माता पिता के गुजर जाने के बाद अकेले रहते हुए लगभग बारह वर्षो तक स्कूलों में इंग्लिश एवं म्यूजिक टीचर के रूप में कार्य किए हैं |

परिवार में कोई सपोर्ट करने वाले नहीं होने के बावजूद भी अपनी दीदी श्रीमती रेखा चौहान के सहयोग से संतोष ने डबल एम.ए. की पढ़ाई की डी.एल.एड. कोर्स किया लेकिन गीत संगीत तो खून में था पिता जी से विरासत में मिला था | इसीलिए संगीत के प्रति गहन आस्था थी | संगीत के क्षेत्र में एक बड़ा मुकाम बनाना संतोष के बचपन का सपना था जिसके लिए वो बताते हैं कि उन्होंने हद से ज्यादा संघर्ष किया तकलीफ उठाई कई बार ऐसे भी हालात आए जब उनकी हिम्मत टूट सी गई लेकिन फिर भी उन्होंने संघर्ष करना नहीं छोड़ा | नतीजा आज सबके सामने है | छत्तीसगढ़ में बड़े बड़े कलाकार हैं लेकिन मुम्बई जा कर बॉलीवुड फ़िल्म में काम पाना सबके वश की बात नहीं है |

छत्तीसगढ़ में संतोष सावंत द्वारा बनाए गीत संगीत का कई लोगों ने दुरूपयोग भी किया है | उनका नाम नहीं देना उनके गानों और संगीत को अपना नाम देना पैसे नहीं देना इस तरह के धोखा धड़ी करने वालों के बारे में संतोष कहते हैं कि ऐसे लोग संगीत को बदनाम करते हैं ये अपने दम पे संगीत नहीं बना सकते जबकि मेरे रग रग में संगीत बस्ता है | सोनू सूद ने संतोष के प्रति विश्वास जताते हुए उनको अपने ऑफिस में ही ठहरने और गीत संगीत एवं लेखन सम्बंधित कार्य करते रहने को कहा है | संतोष सावंत जी के बॉलीवुड में काम मिलने पर सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला को बहुत गौरांवित किया है, सारंगढ़ वासियों का कहना है कि इसी तरह मन लगा के लगन से काम करते रहे और निरन्तर आगे बढ़े ताकि सारंगढ़ हरदी का नाम बॉलीवुड में भी आपके नाम से जाना जाए तथा सारंगढ़ का भी नाम रोशन हो सके|

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