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रायपुर। रायपुर आर्ट, लिटरेचर एवं फिल्म फेस्टिवल (RALFF) के तीसरे संस्करण का भव्य समापन हुआ। इस मौके पर विभिन्न श्रेणियों में कुल पांच फिल्मों को पुरस्कृत किया गया, जबकि तीन फिल्मों को विशेष जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार विजेता फिल्में और कलाकार
बेस्ट शॉर्ट फिल्म: द फर्स्ट फिल्म
बेस्ट डायरेक्टर: पीयूष ठाकुर (द फर्स्ट फिल्म)
बेस्ट सिनेमैटोग्राफी: थुनई
बेस्ट एक्टर: सुमित्रा साहू (जमगहीन)
सर्वश्रेष्ठ सामाजिक फिल्म: मन आसाई
विशेष जूरी पुरस्कार: कमजखिला, ब्यांव, हेल्प योरसेल्फ
सम्मानित हस्तियां और वक्तव्य
फेस्टिवल के मुख्य अतिथि पद्मश्री पंडी राम मंडावी ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन कलाकारों को मंच देने के साथ-साथ लोक कलाओं को नई पहचान दिलाने में सहायक होते हैं।मैक्सिको से आईं सेसेलिया डियाज़ ने फिल्म को समाज का दर्पण बताते हुए कहा कि यह जागरूकता फैलाने का प्रभावशाली माध्यम है। वहीं, अमेरिका से आए कवि किरण भट्ट ने छत्तीसगढ़ को कला और संस्कृति का गढ़ बताते हुए फेस्टिवल की सराहना की।
परिचर्चा और कार्यशाला
फेस्टिवल में परिचर्चा और कार्यशालाओं का भी आयोजन हुआ। ‘जिंदगी… कैसी है पहेली’ विषय पर मुकेश पांडेय, अज़ीम उद्दीन और भागवत जायसवाल ने अपने विचार रखे। वहीं, ‘दिस क्राइंग अर्थ, दीज़ वीपिंग शोर्स’ सत्र में मीर अली मीर, सेसेलिया डियाज़ और किरण भट्ट ने अपने विचार साझा किए।
फिल्म निर्माण की बारीकियों पर आधारित कार्यशालाओं में डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी (कॉन्सेप्ट ऑफ फिल्म मेकिंग), लक्ष्मी वल्लुरी (परफेक्ट योर मैन्युस्क्रिप्ट), और बिरजू कुमार रजक (इमोशन्स थ्रू एडिटिंग) ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया।
बायोपिक और चाइल्ड फिल्म मेकर की फिल्म की स्क्रीनिंग
फेस्टिवल में 15 वर्षीय बाल फिल्म निर्माता की फिल्म ‘बी-साइड’ और छत्तीसगढ़ की पहली बायोपिक फिल्म ‘मंदराजी’ का प्रदर्शन किया गया, जिसे दर्शकों ने सराहा।
फेस्टिवल क्यूरेटर और आयोजकों की प्रतिक्रिया
फेस्टिवल क्यूरेटर प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने कहा कि यह फेस्टिवल केवल फिल्मों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है। डायरेक्टर कुणाल शुक्ला ने इसे नए और उभरते फिल्मकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया।
इस मौके पर कई प्रतिष्ठित साहित्यकार, पत्रकार, कलाकार और फिल्म समीक्षक उपस्थित रहे, जिन्होंने फेस्टिवल की सफलता की सराहना की। आयोजकों ने अगले संस्करण में और अधिक फिल्मों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को जोड़ने की योजना की घोषणा की।
– कुणाल शुक्ला, डायरेक्टर, रायपुर आर्ट लिटरेचर एवं फिल्म फेस्टिवल