बिलासपुर, 18 नवंबर: बिलासपुर के सरकंडा थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बस्तर जिले के करपावंड तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार ने थाना प्रभारी तोपसिंग नवरंग और अन्य पुलिसकर्मियों पर मारपीट, गाली-गलौच, और झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
घटना का विवरण:
यह घटना 17 नवंबर की रात की है। नायब तहसीलदार अपने भाई और पिता के साथ हावड़ा-सु.फा. एक्सप्रेस से बिलासपुर लौट रहे थे। उनके अनुसार, रात करीब 1:35 बजे, डीएलएस कॉलेज के पास हनुमान मंदिर के नजदीक पुलिसकर्मियों ने उन्हें रुकने का इशारा किया। जब उन्होंने अपनी पहचान बताई, तब भी पुलिसकर्मी शांत नहीं हुए। तहसीलदार का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, धमकाया, और जबरन उन्हें सरकंडा थाने ले जाया गया।
थाने में बदसलूकी और धमकी:
तहसीलदार ने बताया कि थाने में उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और शराब पीने का झूठा केस बनाने की धमकी दी गई। उन्हें बार-बार एल्कोहल मीटर में फूंकने के लिए मजबूर किया गया। यहां तक कि उनकी मर्जी के खिलाफ उन्हें सिम्स अस्पताल ले जाया गया, हालांकि कोई मेडिकल जांच नहीं कराई गई और वापस थाने लाया गया।
जब उनके भाई ने बिलासपुर कलेक्टर से संपर्क किया, तो कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी थाना प्रभारी ने कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। उल्टा, कलेक्टर की बात को नजरअंदाज कर एसपी से बात करने की सलाह दी।
वीडियो बनाने पर भाई के साथ मारपीट:
तहसीलदार के भाई ने इस घटना का वीडियो बनाना शुरू किया, जिस पर पुलिसकर्मियों ने उनके साथ भी मारपीट की। उनका मोबाइल जब्त कर लिया गया और वीडियो समेत सभी दस्तावेज़ डिलीट कर दिए गए। इसके बाद रात 4:21 बजे उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई और मोबाइल वापस कर दिया गया।
मानसिक आघात और परिवार में भय:
तहसीलदार ने बताया कि इस घटना के बाद उनका पूरा परिवार मानसिक रूप से आहत और डरा हुआ है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच:
इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन तहसीलदार द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच शुरू होने की उम्मीद है।
सरकंडा थाने की प्रतिक्रिया: सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला
इस बीच, सरकंडा थाने के पुलिसकर्मियों ने उल्टा तहसीलदार के परिवार पर ही सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया है। पुलिस ने दावा किया कि रात की गश्त के दौरान दो व्यक्ति, जो खुद को तहसीलदार बता रहे थे, उनसे झगड़ा कर रहे थे। इन व्यक्तियों के पास कोई पहचान पत्र नहीं था और उनकी हालत नशे में प्रतीत हो रही थी।
एफआईआर दर्ज:
पुलिसकर्मियों ने उनके खिलाफ एफआईआर संख्या 1450/2024 दर्ज कर दी है। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 221, 296 और 351(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता करने के आरोप में जांच जारी है।