HIGH COURT:अरपा में गंदा पानी जाने से रोकने नगर निगम गंभीर नहीं,हाईकोर्ट नाराज
बिलासपुर। अरपा नदी के उद्गम स्थल के संवर्धन को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान नगर निगम यह नहीं कर पाया कि वह गंदे पानी को नदी में बिना ट्रीटमेंट किए जाने से कैसे रोकेगा। इस पर हाईकोर्ट ने निगम को लिखित जवाब पेश करने के लिए समय दिया गया और कोर्ट ने अगली सुनवाई 19 नवंबर को निर्धारित की है। पिछली सुनवाई में नगर निगम ने जो शपथपत्र प्रस्तुत किया था. उसे हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था. क्योंकि यह अधूरा था, और कई महत्वपूर्ण पहलूओं की जानकारी नहीं दी गई थी। कोर्ट ने नगर निगम से विस्तृत कार्ययोजना के साथ नया शपथपत्र मंगा था। बुधवार को हुई सुनवाई में जस्टिस संजय
के आग्रवाल की डिवीजन बेंच में राज्य शासन ने शपथपत्र के माध्यम से यह जानकारी दी कि नदी के उद्दम स्थल पर भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं,नगर निगम की ओर से इस विषय में गंभीरता न बरतने पर बेंच ने कहा कि अगर आपके पास कोई ठोस योजना नहीं है, तो संबंधित अधिकारियों को बुलाव पड़ेगा। पिछली सुनवाई में नगर निगम ने बताया था कि गंदे पानी की निकासी के लिए कार्ययोजना बनाई गई है और इसके लिए फंड स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
ट्रीटमेंट होते तक स्टॉपडेम खोलें
नगर निगम ने यह भी बताया था कि सीवरेज योजना के लिए कंसल्टेंट को कहा गया था, लेकिन इसे अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया अभी जारी है। हालांकि, शहर की सीमा में अरपा नदी में गंदा पानी जाने से रोकने के लिए जो योजना तैयार की गई है, उसके लिए फंड स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, लेकिन डिवीजन बैंच में इस संबंध में वित्त सचिव का जवाब नहीं आया। कोर्ट ने शासन को और समय देते हुए सुनवाई को बढ़ाया और नगर निगम से एक नया शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया। डिवीजन बेंच ने कहा कि जब तक गंदे पानी का ट्रीटमेंट नहीं होता, तब तक स्टॉप डेम खोल दीजिए, ताकि नदी निरंतर प्रवाहित होती रहे।