रायपुर : हीरापुर स्थित वामनराव लाखे स्कूल में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और सहकारिता के जनक वामनराव लाखे जी की 152वीं जयंती के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्रों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं और विजेता प्रतिभागियों को विशेष अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का आरंभ मंजू साहू, प्राचार्य वामनराव लाखे उ.मा. शाला, हीरापुर द्वारा वामनराव लाखे जी के जीवन परिचय और उनके योगदान के प्रतिवेदन से हुआ। उन्होंने लाखे जी की सहकारिता क्षेत्र में अमूल्य सेवाओं और उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान का उल्लेख किया। साथ ही, उन्होंने लाखे जी की स्मृति में एक सुंदर कविता प्रस्तुत की, जिसमें उनकी शिक्षाओं और मार्गदर्शन को एक वरदान बताया।
समारोह के मुख्य अतिथि, छत्तीसगढ़ी अभिनेता और निर्देशक श्री प्रकाश अवस्थी जी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए अपने जीवन के अनुभव साझा किए। उन्होंने अपने संघर्षों और सपनों की बात करते हुए कहा कि जीवन में लक्ष्य को स्पष्ट रखें और उसे दिनभर कम से कम 100 बार दोहराएं। अंत में उन्होंने अपनी लोकप्रिय फिल्म ‘मया 2’ से एक गीत प्रस्तुत कर परिवार और समाज के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष अजय तिवारी ने भी वामनराव लाखे जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह किसानों के उद्धार के लिए सहकारिता आंदोलन के जनक थे। उन्होंने कहा कि लाखे जी ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष किया और “छत्तीसगढ़ मित्र” पत्रिका के माध्यम से जागरूकता फैलाई।
प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मुख्य अतिथि और अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों में समाजसेवी अजय तिवारी, कौशल किशोर मिश्रा, दिलीप षडंगी, राम अवतार तिवारी, और बृजेश चौबे प्रमुख रूप से शामिल रहे।
कार्यक्रम का समापन प्रकाश अवस्थी के उद्बोधन और गीत प्रस्तुति के साथ हुआ। इस जयंती समारोह में छात्रों और अतिथियों के बीच उत्साह और प्रेरणा का संचार हुआ। वामनराव लाखे जी के सिद्धांतों और योगदान को न केवल स्मरण किया गया, बल्कि उन्हें अनुकरणीय मानते हुए समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का संदेश दिया गया।“हीरापुर स्थित वामनराव लाखे स्कूल में आज स्वतंत्रता सेनानी और सहकारिता के जनक वामनराव लाखे जी की 152वीं जयंती के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ी फिल्म अभिनेता प्रकाश अवस्थी ने अपने अनुभव साझा किए और लाखे जी के योगदान की सराहना की। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया और विजेताओं को सम्मानित किया गया। लाखे जी के जीवन और सिद्धांतों को स्मरण करते हुए समाजसेवा और सहकारिता के मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया।”